Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में सोयाबीन किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. कारण है अभी तक सोयाबीन किसानों की फसल की खरीद न होना. इसी सिलसिले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वर्तमान सीएम मोहन यादव की सरकार को घेरते हुए उनपर बड़ा आरोप लगाया है. पूर्व सीएम कमलाथ का कहना है कि एमपी सरकार प्रदेश के किसानों को परेशान करने की तैयारी कर रही है. उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से अभी तक केंद्र सरकार को सोयाबीन की खरीद का प्रस्ताव भी नहीं भेजा गया है. उनका कहना है कि पहले भी मूंग खरीद के समय सरकार ऐसा कर चुकी है.
BJP पर किसानों को प्रताड़ित करने का आरोप
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ये साफ है कि बीजेपी जानबूझकर केंद्र सरकार को सोयाबीन खरीद का प्रस्ताव भेजने में देर कर रही है. उन्होंने बताया कि देर से खरीद शुरू करने पर एसएसपी (MSP) पर सोयाबीन की खरीद करने में देरी होगी. ऐसा होने पर किसानों को मजबूरी में अपनी सोयाबीन की फसल (Soyabean Crop) औने-पौने दामों पर बिचौलियों को बेचनी पड़ेगी, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा.
किसानों को नहीं मिल पा रही सही कीमत
कमलनाथ ने बताया कि अभी मंडी में सोयाबीन का दाम 4500 रुपया प्रति क्विंटल है, जबकि सरकार की ओर से सोयाबीन का घोषित MSP 5328 रुपये प्रति क्विंटल है. उन्होंने कहा कि सोयाबीन की सरकारी खरीद शुरू न होने पर किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने पिछली सरकार का जिक्र करते हुए बताया कि पहले इस समय तक केंद्र सरकार को सोयाबीन खरीद का प्रस्ताव भेज दिया जाता था. आगे उन्होंने बताया कि सोयाबीन खरीदे के लिए पिछले साल 25 सितंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया था और 25 अक्टूबर से सोयाबीन की MSP पर खरीद भी शुरू कर दी गई थी, जिससे किसानों को समय रहते अपनी उपज की अच्छी कीमत मिल गई थी.
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पहले भी ऐसी कर चुकी है सरकार
बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने ये भी कहा कि सोयाबीन खरीद में देरी की तरह ही वर्तमान सरकार ने मूंग की खरीद और प्रदेश में जब किसानों को यूरिया की जरूरत थी तब भी प्रदेश की बीजेपी सरकार ने न को मूंग की खरीद समय पर शुरू की थी और न ही किसानों को समय पर यूरिया उपलब्ध कराई थी. उन्होंने बताया कि कांग्रेस और किसानों के भारी विरोध के बाद सरकार ने मूंग की खरीद शुरू की थी.