Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में राज्य की नई पर्यावरणीय योजना का ऐलान करते हुए पराली जलाने को NCR क्षेत्र में खराब होती हवा की एक बड़ी वजह बताया. उन्होंने आगे का प्लान बताते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक हरियाणा को पराली जलाने से पूरी तरह मुक्त किया जाए. सैनी ने कहा कि पराली जलाना एक बड़ी पर्यावरणीय चुनौती है और हरियाणा इस समस्या को गंभीरता से ले रहा है. पिछले 10 वर्षों से हम लगातार इसे खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं. 2025 के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद पर लगभग 200 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान है.
सरकार का दावा है कि पिछले 9 वर्षों में हरियाणा ने पराली जलाने की घटनाओं में 90 फीसदी तक की कमी लाई है. 2024 में पराली जलाने की घटनाओं में 2023 की तुलना में 39 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. वहीं, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि आज का किसान पराली जलाने के दुष्परिणामों को समझने लगा है. 10 साल पहले जहां हमें किसानों को समझाना पड़ता था, आज वही किसान खुद समाधान मांगते हैं. यह सोच में आया बड़ा बदलाव है और हम जल्द ही पराली मुक्त हरियाणा बनेंगे.
पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह खत्म
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने मई में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह खत्म करने के लिए सख्त निर्देश दिए थे. आयोग ने इन राज्यों को 19-बिंदुओं वाली कार्य योजना अपनाने को कहा है. इन बिंदुओं में हर गांव की खेतों की मैपिंग करना, हर 50 किसानों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना, पुरानी फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनों को हटाना, छोटे और सीमांत किसानों को CRM मशीनें मुफ्त किराए पर देना शामिल था. साथ ही आयोग ने निर्देश दिया कि तीनों राज्य पराली सुरक्षा बल (Parali Protection Force) का गठन करें. इसमें पुलिस, कृषि विभाग और नगर निकायों के अधिकारी शामिल होंगे, जो पराली जलाने की घटनाओं की सख्त निगरानी और रोकथाम करेंगे.
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पराली जलाने के मामले में गिरावट
इस साल पराली जलाने के मामले में गिरावट आई है. 15 सितंबर से 21 सितंबर तक में कुल 64 घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले साल की 75 घटनाओं से लगभग 15 प्रतिशत कम हैं. CREAMS की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में 56 घटनाएं हुईं, जबकि पिछले साल यह संख्या 52 थी. हरियाणा में इस साल तीन घटनाएं हुईं, जो पहले साल की 16 घटनाओं की तुलना में काफी कम हैं. उत्तर प्रदेश में चार मामले दर्ज हुए, राजस्थान में एक और दिल्ली व मध्य प्रदेश में कोई घटना नहीं हुई.