Solar Pump Cost Reduction: कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है. केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि हाल ही में लागू की गई GST दरों में सुधार से किसानों के लिए सौर पंप (Solar Pump) की लागत में सालाना लगभग 1,750 करोड़ रुपये की कटौती होगी. यह बदलाव विशेष रूप से प्रधानमंत्री की योजनाओं PM-KUSUM और PM Surya Ghar के तहत किसानों को सीधे लाभ पहुंचाएगा.
सस्ती होगी सौर ऊर्जा, बढ़ेगी किसानों की पहुंच
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार, सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों, जैसे ग्रीन हाइड्रोजन बनाने वाले इलेक्ट्रोलाइजर्स पर GST 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है. इस कदम से न सिर्फ किसानों को सौर पंप सस्ते मिलेंगे, बल्कि छत पर सौर पैनल लगाने में भी प्रति यूनिट लगभग 9,000 से 10,500 रुपये की बचत होगी.
मंत्री प्रल्हाद जोशी का कहना है कि यह बदलाव किसानों के लिए फायदेमंद है और देश के सौर ऊर्जा उपकरण उद्योग को भी मजबूत बनाएगा. इसका मतलब यह है कि अब छोटे और बड़े किसान आसानी से सौर ऊर्जा का लाभ उठा सकेंगे और खेतों में बिजली के खर्च में कमी आएगी.
भारत की हरित स्टील और ग्रीन हाइड्रोजन
मंत्री ने बताया कि भारत का लक्ष्य है 2030 तक 50 मिलियन टन ग्रीन स्टील का निर्यात करना. ग्रीन स्टील बनाने में कोयला या अन्य जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे पर्यावरण पर असर कम होता है. साथ ही, सरकार का लक्ष्य 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन क्षमता हासिल करना है.
ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत को 2 डॉलर प्रति किलो से कम करने का भी लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सरकार ने स्टार्टअप्स को 100 करोड़ रुपये का वित्तीय समर्थन देने की घोषणा की है. हर स्टार्टअप को इसमें अधिकतम 5 करोड़ रुपये की मदद मिल सकती है.
किसानों और उद्योग दोनों के लिए फायदे
सरकार की GST कटौती और ग्रीन ऊर्जा प्रोत्साहन नीतियों का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा. अब किसानों को सौर पंप और छत पर सौर पैनल सस्ते मिलेंगे, जिससे सिंचाई और खेतों में बिजली की लागत में भारी कमी आएगी. इससे छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे अपनी फसल की पैदावार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे.
साथ ही, यह पहल किसानों को स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगी. बिजली की बचत और सौर ऊर्जा का इस्तेमाल उनके लिए लंबे समय में लागत कम करने का माध्यम बन जाएगा. PM-KUSUM जैसी योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी और वित्तीय मदद भी मिलेगी, जिससे उनकी निवेश क्षमता बढ़ेगी और वे आधुनिक उपकरणों का लाभ उठा सकेंगे.
सिर्फ किसानों को ही फायदा नहीं होगा, बल्कि उद्योगों को भी इसका बड़ा लाभ मिलेगा. ग्रीन स्टील और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने से भारत के उद्योग अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनेंगे. ग्रीन स्टील और हाइड्रोजन उत्पादन में जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी.
मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह कदम भारत को हरित ऊर्जा और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा.