Potato Farming: रबी सीजन की शुरआत के साथ ही देसभर में बड़े पैमाने पर आलू की बुवाई हो चुकी है. किसानों की यही कोशिश है कि वे अपनी फसल से अच्छी पैदावार लें ताकि बाजार में उन्हें अच्छी कीमत मिले. लेकिन इन दिनों किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है कोलाराडो आलू बीटल (Colarado Potato Beetle). ये आलू में लगने वाला प्रमुख कीट है जो कि आलू की पत्तियों को खाकर पौधे को कमजोर कर देता है, जिससे उत्पादन में भारी कमी आती है. अगर समय रहते किसान इसकी पहचान और रोकथाम न करें तो न केवल फसल चौपच होगी बल्कि किसानों के सामने भी गहरा आर्थिक संकट आ जाएगा.
इन लक्षणों से करें पहचान
आलू मे लगने वाला कोलाराडो आलू बीटल लगभग 10 मिलीलीटर लंबा होता है और इसके शरीर पर पीले और काले रंग की धारियां होती हैं. बता दें कि, इस कीट का लार्वा देखने में लाल-भूरे रंग का होता है और पत्तियों की निचली सतह पर झुंड में पाया जाता है. इसके साथ ही ये कीट पत्तियों को चट कर देता है, जिससे पौधा धीरे-धीरे सूखने लगता है और आगे जाकर पूरी तरह से नष्ट हो जाता है. अगर किसानों को अपनी फसल में ऐसे लक्षम दिखें तो वे तुरंत इन्हें रोकने के उपाय करें.
फसल को कैसे पहुंचाता है नुकसान
मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, आलू में लगने वाले कई खतरनाक कीटों में से एक प्रमुख कीट कोलाराडो आलू बीटल है. ये कीट सीधे पौधों की पत्तियों और टहनियों पर हमला करता है और उन्हें पूरी तरह से खा जाता है. वहीं दूसरी ओर आलू के पौधों की पत्तियां खत्म हो जाने पर प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया रुक जाती है और कंद का विकास रुक जाता है. इस तरह फसल से होने वाली पैदावार 30 से 70 फीसदी तक कम हो जाती है.
बचाव के आसान तरीके
फसल को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि किसान समय-समय पर अपने खेतों का निरीक्षण करेंऔर पत्तियों के नीचे बीटल या उसके अंडे दिखते ही उन्हें नष्ट कर दें. बता दें कि, छोटे हिस्से में इस कीट को हाथ से पकड़कर नष्ट करना एक आसान और सुरक्षित तरीका है. वहीं किसानों को ये भी सलाह दी जाती है कि वे फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाएं यानी आलू की फसल को हर साल एक ही जगह न बोएं. फसल के बचाव के लिए बेसिलस थुरिंजिनेसिस (Bt) आधारित जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है
केमिकल कीटनाशकों का छिड़काव
फसल पर कीट का प्रकोप बहुत ज्यादा हो जाने की स्थिति में किसान कृषि विशेषज्ञों का सलाह जरूर लें. किसान चाहें तो फसल पर इमामेक्टिन बेंजोएट, क्लोरपायरीफॉस जैसी कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा बेहद जरूरी है कि किसान खेत की साफ-सफाई और जुताई करते समय पिछली फसल के अवशेष को जरूर नष्ट कर दें ताकि कीटों का जीवन चक्र टूट सके.