Soybean Maize Farmers Protest: मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों की खरीद चल रही है. लेकिन, किसानों को सही भाव नहीं मिलने की शिकायतें आ रही हैं. आज मध्य प्रदेश के शाजापुर और खरगौन में नाराज किसानों ने हंगामा करते हुए चक्काजाम कर दिया. किसानों ने कहा कि शाजापुर में सोयाबीन के तय एमएसपी से कम भाव दिया जा रहा है. जबकि, खरगौन में मक्का फसल को गीला बताकर कम भाव दिया जा रहा है. नाराज किसानों ने खंडवा-बड़ोदरा राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया.
शाजापुर में सोयाबीन के कम भाव पर किसानों का हंगामा
शाजापुर की कृषि उपज मंडी में आज किसानों ने अपनी फसल बेचने के लिए ट्रॉलियां लगाई थीं. लेकिन जब उन्हें सोयाबीन की कीमत 3800 रुपये प्रति क्विंटल बताई गई, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा. किसानों ने आरोप लगाया कि उनके ग्रेडिंग वाले माल को भी कम रेट पर खरीदा जा रहा है. किसान राजू मालवीय ने कहा- हमारा सोयाबीन अच्छा है, फिर भी व्यापारी सिर्फ 3800 रुपये दे रहे हैं, जबकि कम से कम 4500 रुपये मिलना चाहिए. किसानों ने नारेबाजी करते हुए शहर के मुख्य हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी कर दी, जिससे ट्रैफिक रुक गया और नीलामी प्रक्रिया थम गई.
प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर संभाली स्थिति
जैसे ही स्थिति बिगड़ी, एसडीएम मनीषा वास्कले पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं. उन्होंने किसानों और व्यापारियों दोनों पक्षों से चर्चा की और समझाइश दी. एसडीएम मनीषा वास्कले ने कहा- सोयाबीन की फसल में नमी अधिक होने के कारण कीमतों में गिरावट आई है. किसानों को यह बात समझाई गई है. उन्होंने बताया कि किसानों को भरोसा दिलाया गया है कि खरीद प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी और जिनकी फसल की गुणवत्ता बेहतर होगी, उन्हें उचित मूल्य मिलेगा. प्रशासन की समझाइश के बाद किसानों ने जाम हटाया और मंडी में खरीदी फिर से शुरू हुई.
खरगोन में मक्का के भाव पर भी किसानों का चक्काजाम
इधर, खरगोन जिले के भीकनगांव में भी किसान मक्का की कम कीमतों को लेकर नाराज दिखे. स्थानीय किसानों ने खंडवा-बड़ोदरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया. उनका कहना था कि सुखी मक्का का भाव सिर्फ 1400 रुपये प्रति क्विंटल और गीली मक्का का 1100 से 1200 रुपये तक दिया जा रहा है. किसानों का कहना था कि इन भावों में लागत भी नहीं निकल पा रही. प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा- हम दिन-रात मेहनत करते हैं, और सरकार भावांतर योजना की बात करती है, लेकिन मंडियों में कोई फायदा नहीं मिल रहा.
पुलिस और प्रशासन ने किसानों को दी समझाइश
सूचना मिलते ही टीआई गुलाब सिंह रावत और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने किसानों से बात की और स्थिति को शांत करवाया. पुलिस ने समझाइश दी कि सरकार से दरों को लेकर बात की जाएगी और किसी किसान के साथ अन्याय नहीं होगा. किसान प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द उचित भाव नहीं मिला, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे.