किसानों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच आसान बनाने के लिए देशभर में फार्मर आईडी बनाई जा रही हैं और इसके लिए किसानों की फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया चल रही है. पीएम मोदी ने ताजा आंकड़े जारी करते हुए बताया कि देशभर में अब तक 7.4 करोड़ किसानों की फार्मर आईडी बन चुकी हैं. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में किसानों की फार्मर आईडी बनाई गई हैं. यूपी ने 1 अप्रैल 2026 से फार्मर आईडी अनिवार्य भी कर दिया है. इसके बिना पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा किसानों को नहीं मिलेगा.
पंजाब समेत 3 राज्यों ने फार्मर आईडी बनाने की शुरूआत की
फार्मर आईडी एक तरह से किसान का पहचान पत्र के रूप में काम करेगी और उसकी खेती से जुड़े दस्तावेज, निजी जानकारी आदि फार्मर आइडी में दर्ज की जा रही है. पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम कुसुम समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को फार्मर आईडी यानी किसान पहचान पत्र का इस्तेमाल किया जा सकेगा. सरकार के डिजिटल कृषि मिशन (एग्रीस्टैक) के जरिए राज्यों को किसानों की फार्मर आईडी बनाने के निर्देश दिए गए हैं. एग्रीस्टैक से तीन नए राज्य पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड भी जुड़ गए हैं.
पीएम मोदी ने फार्मर आईडी बनने का आंकड़ा शेयर किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फार्मर आईडी बनने के आंकड़े सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कहा कि देश में अब तक 7.4 करोड़ किसानों की फार्मर आईडी बन चुकी हैं. कुल मिलाकर 16 राज्यों ने अब तक 7.4 करोड़ से ज्यादा ऐसे पहचान पत्र जारी किए हैं, जिन्हें किसान पहचान पत्र भी कहा जाता है. अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 के अंत तक 9 करोड़ ऐसे पहचान पत्र जारी करने का टारगेट पूरा कर लिया जाएगा.
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किस राज्य में कितनी फार्मर आईडी बनीं
फार्मर आईडी बनाने का काम तेज गति से चल रही है. सबसे ज्यादा फार्मर आईड़ी उत्तर प्रदेश ने 1.56 करोड़ बनाई हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 1.24 करोड़, मध्य प्रदेश में 93 लाख फार्मर आईडी बनी हैं. वहीं, राजस्थान में 79 लाख, गुजरात में 57 लाख , आंध्र प्रदेश में 45 लाख, तेलंगाना में 32 लाख और तमिलनाडु में 31 लाख किसानों की फार्मर आईडी बनाकर किसान पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं.
फार्मर आईडी के बिना नहीं मिलेगा पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा
अनुमानों के अनुसार देश में किसानों की संख्या 14 करोड़ है. इनमें से लगभग 35-40 फीसदी के करीब ऐसे किसान हैं जिनके पास जमीन नहीं है और वे पट्टे पर या बटाई पर खेती करते हैं. वर्तमान में 11.2 करोड़ किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी है. कहा जा रहा है कि फार्मर आईडी नहीं बनने पर किसानों को 1 अप्रैल 2026 से पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं मिलेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल से इसे अनिवार्य कर दिया है.
यूपी में 54 फीसदी किसानों की फार्मर आईडी बनी
उत्तर प्रदेश में 16 अक्टूबर से चल रहे फॉर्मर रजिस्ट्री अभियान में सीतापुर जिला प्रदेश का सिरमौर बन गया है. अब तक इस जिले में 74 फीसदी किसानों का फार्मर रजिस्ट्री के लिए पंजीकरण पूरा हो चुका है. इसके साथ ही बस्ती जिले में 74 प्रतिशत किसानों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. जबकि, रामपुर जिले में 70 फीसदी किसानों की रजिस्ट्री होने के साथ यह जिला यूपी में तीसरे स्थान पर है. सीएम के निर्देश पर फार्मर आईडी बनाने के लिए फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registration) का अभियान चलाया जा रहा है. राज्य स्तर पर अब तक लगभग 54 फीसदी किसानों की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है, जिससे करीब 1.5 करोड़ किसान लाभान्वित हो रहे हैं.
एक अप्रैल से फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि 1 अप्रैल 2026 से पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan) की अगली किस्त केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी, जिनकी रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है. इसी कारण राज्य के सभी जिलों में किसानों के पंजीकरण और सत्यापन की गति तेज की जा रही है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में लगभग हर दिन 4000 किसानों की फार्मर रिजिस्ट्री के लिए पंजीकरण किए जा रहे हैं.