किसान विदेश जाकर सीखेंगे खेती की वैज्ञानिक तकनीक, सरकार ने मंजूर किए 2 करोड़ रुपये

महाराष्ट्र सरकार आधुनिक खेती की तकनीकें सीखने के लिए किसानों को विदेश भेजेगी. इसके लिए 2 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. सरकार को उम्मीद है कि इससे किसानों को फायदा होगा.

नोएडा | Updated On: 17 Jun, 2025 | 12:28 PM

महाराष्ट्र में किसान विदेश जानकर खेती करने की नई-नई तकनीक सीखेंगे. राज्य सरकार ने किसानों के विदेश अध्ययन दौरों के लिए 2 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. पिछले साल भी 120 किसानों और 6 अधिकारियों के विदेश दौरे के लिए 1.4 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, ताकि वे आधुनिक खेती की तकनीकें सीख सकें. सरकार की ओर से जारी एक आदेश (जीआर) में कहा गया है कि साल 2025-26 के लिए ‘राज्य के किसानों के विदेश अध्ययन दौरे’ योजना को लागू करने के लिए 2 करोड़ रुपये के बजट को प्रशासनिक मंजूरी दी जा रही है. यह योजना सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार ही लागू की जानी चाहिए और इसके लिए कृषि आयुक्त की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए जाएं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यह योजना किसानों को विकसित देशों की आधुनिक कृषि तकनीकों, कृषि उत्पादों के निर्यात, मार्केटिंग, बाजार की मांग, प्रोसेसिंग और वहां इस्तेमाल हो रही नई तकनीकों की जानकारी देने के लिए शुरू की गई थी. इसका मकसद है कि हमारे राज्य के किसान भी इन तकनीकों को अपनी खेती में अपनाकर लाभ उठा सकें.

विदेश दौरे के लिए कौन-सा देश चुना जाएगा

इन विदेश दौरों के दौरान किसानों को उन देशों के किसानों से सीधी बातचीत, फील्ड विजिट और संबंधित संस्थानों के दौरे के जरिए नई जानकारियां मिलती हैं, जिससे उनकी समझ और क्षमता दोनों बढ़ती हैं. अधिकारियों ने कहा कि किसानों के विदेश दौरे के लिए कौन-सा देश चुना जाएगा और यात्रा की पूरी रूपरेखा क्या होगी, यह जल्द ही तय किया जाएगा.

हर किसान पर सिर्फ 1.2 लाख रुपये खर्च होंगे

पिछले साल एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने किसानों को विदेश भेजने के लिए कम बजट देने पर कृषि विभाग की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि सरकार ने ताइवान के तीन दिन के दौरे के लिए 1.88 करोड़ रुपये दिए, जिसमें सिर्फ पांच अधिकारी गए थे. लेकिन 120 किसानों को विदेश भेजने के लिए सिर्फ 1.4 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसका मतलब है कि हर किसान पर सिर्फ 1.2 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं.

रोहित पवार का सरकार पर तंज

रोहित पवार ने यह भी सवाल उठाया था कि जब दावोस (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) के दौरे के लिए 34 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं और मुख्यमंत्री के साथ 70 लोग जा सकते हैं, तो क्या यह सरकार आम लोगों की है या कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही है? उन्होंने तंज कसते हुए पूछा था कि यह ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ है या ‘वर्ल्ड एक्सपेंडिचर कॉन्फ्रेंस’?

Published: 17 Jun, 2025 | 12:24 PM