लखीमपुर खीरी जिले की तीन चीनी मिलों द्वारा किसानों को 559.99 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान न किए जाने पर बजाज हिन्दुस्थान लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. खंभरखेड़ा, पलिया और गोला चीनी मिलों के प्रबंध निदेशक, अधिशासी, मुख्य वित्त अधिकारी और डीजीएम को सहकारी गन्ना विकास समिति के सचिवों ने नामजद किया है. इन पर किसानों के साथ धोखाधड़ी और विश्वासघात सहित अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
खास बात यह है कि गन्ना विभाग ने चीनी मिल अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. तीनों मिलों पर कुल 559.99 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान बकाया है, जिसमें गोला मिल पर 235.25 करोड़, पलिया पर 168.36 करोड़ और खंभरखेड़ा पर 156.37 करोड़ रुपये बाकी हैं. गन्ना विभाग ने कई बार नोटिस भेजकर भुगतान की मांग की, लेकिन इसके बावजूद मिलों ने किसानों को भुगतान नहीं किया.
इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर
गन्ना आयुक्त द्वारा आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी किए जाने के बाद भी जब तीनों चीनी मिलों ने किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया, तो गन्ना विकास विभाग ने सख्त कार्रवाई की. गोला गोकर्णनाथ, पलियाकलां और खंभरखेड़ा चीनी मिलों के प्रबंध निदेशक अजय कुमार शर्मा, मुख्य वित्त अधिकारी सुनील कुमार ओझा, लीगल डीजीएम धर्मेंद्र सिंह और अध्यासी नीरज बंसल, ओम प्रकाश चौहान और अवधेश कुमार गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. इन पर किसानों से गन्ना मूल्य का भुगतान न करने, धोखाधड़ी और विश्वासघात करने, आर्थिक शोषण करने और किसानों में असंतोष फैलाने जैसे आरोप लगे हैं. एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 और 61(02) के तहत दर्ज की गई है.
बजाज ग्रुप का पिछले साल का कोई भी भुगतान बकाया नहीं
बजाज चीनी मिल के मीडिया प्रभारी सतीश श्रीवास्तव ने कहा है कि बजाज ग्रुप का पिछले साल का कोई भी भुगतान बकाया नहीं है. इस साल का भी करीब 60 फीसदी गन्ना मूल्य चुका दिया गया है.उन्होंने कहा कि बैंक लिमिट न होने के कारण फिलहाल चीनी बिक्री से जो भी पैसा आ रहा है, उसका 85 फीसदी किसानों को भुगतान किया जा रहा है. बाकी बकाया भी जल्द चुकाने की कोशिश की जा रही है. जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने कहा है कि किसानों का भुगतान न होने पर खंभारखेड़ा, गोला और पलिया की तीनों मिलों के अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.उन्होंने कहा कि गन्ना भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री खुद सख्त रुख अपनाए हुए हैं.