बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025), के नजदीक आते-आते प्रदेश सरकार भी फुल एक्शन मोड में है. सरकार ग्रामीणों और किसानों के विकास के लिए लगातार कोशिशें कर रही है. इसी कड़ी में प्रदेश के कृषि क्षेत्र को विस्तार देने और किसानों के विकास के लिए सरकार ने अहम फैसला लिया है. सरकार के उठाए गए इस महत्पूर्ण कदम के तहत यहां के किसानों को खेतीबाड़ी से जुड़ी खास ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि किसान बेहतर और स्मार्य तरीके से खेती कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकें और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें. खास बात ये है कि किसानों को ये खास ट्रेनिंग देने के लिए प्रदेश के 86 से ज्यादा संस्थानों का चुनाव किया गया है.
14 हजार किसानों को खास ट्रेनिंग
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार सरकार ने ये फैसला किया है कि वे प्रदेश के 14 हजार से ज्यादा युवाओं और किसानों को खेती से जुड़ी आधुनिक तकनीकों की खास ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि किसान इन आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर न रेवल खुद को स्मार्ट बना सकें बल्कि प्रदेश के कृषि क्षेत्र के विस्तार में भी अहम योगदान दे सकें. बता दें कि, इस खास ट्रेनिंग की मदद से किसानों को खेती से लेकर फसल की मार्केटिंग तक के सारे गुण सिखाए जाएंगे. ताकि किसान केवल फसल उत्पादन तक ही सीमित न रहें बल्कि बाजार में अपनी फसल को सही दाम पर बेच भी सकें.
86 से ज्यादा संस्थान देंगे ट्रेनिंग
बिहार कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, किसानों के खास ट्रेनिंग देने के लिए सरकार की तरफ से 86 से ज्यादा संस्थानों को चुना गया है. इन संस्थानों में कृषि विश्वविद्यालय, कॉलेज, रिसर्च सेंटर और कृषि विज्ञान केंद्र शामिल हैं. ध्यान देने वाली बाद ये भी है कि एक बार किसानों को पूरी ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जिससे किसानों की पहचान कृषि विशेषज्ञ के रूप में हो सकेगी. इसके साथ ही प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलने के साथ ही स्वरोजगार के भी नए अवसर खुलेंगे.
क्या है योजना की खासियत
बिहार सरकार की किसानों के लिए चलाई गई इस खास योजना के तहत किसानों को मशरूम उत्पादन, सब्जी और बागवानी के साथ-साथ औषधीय पौधों की खेती के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. बता दें कि, योजना के तहत प्रदेश के कुल 14 हजार 310 किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. खास बात ये है कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान जिन युवाओं को ट्रेन किया जाएगा उन्हें आगे मास्टर ट्रेनर बनाकर सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा. वहीं, इन्हें स्वरोजगार के लिए उद्योग विभाग की योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा.