40 करोड़ बकाया भुगतान के लिए गन्ना किसानों का हंगामा, सपा के 3 विधायक पहुंचे तो सियासत गरमाई

यूपी में वाल्टरगंज चीनी मिल पर किसानों और मजदूरों का 40 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है, जिसके भुगतान की लंबे समय से मांग की जा रही है. किसानों का समर्थन करने समाजवादी पार्टी के तीन विधायक अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे तो मामले ने सियासी रूप ले लिया.

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में वाल्टरगंज चीनी मिल चालू कराने को लेकर किसानों ने जमकर हंगामा किया. चीनी मिल पर किसानों और मजदूरों का 40 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है, जिसके भुगतान की लंबे समय से मांग की जा रही है. किसानों का समर्थन करने समाजवादी पार्टी के तीन विधायक अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे तो मामले ने सियासी रूप ले लिया. शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी होने लगी और देखते ही देखते वहां लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया. किसानों और सपा कार्यकर्ताओं ने जल्द भुगतान नहीं किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कई गांवों के किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में बकाया भुगतान और मिल चालू कराने के लिए प्रर्दशन किया. सूचना पाकर समाजवादी पार्टी के तीन-तीन विधायक भी मौके पर पहुंचे और देखते ही देखते पूरा परिसर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से परिसर भर गया और सरकार विरोधी नारे लगने लगे. समाजवादी पार्टी के विधानसभा सदर से विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि आज किसानों का उत्पीड़न हो रहा है. यहां कई गांवों के पीड़ित गन्ना किसान पहुंचे हैं जिनका बकाया भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि पूरे देश के अन्नदाता परेशान है और किसानों की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है.

पिछले साल मिल चालू करने का वादा नहीं हुआ पूरा

उन्होंने कहा कि केन्द्र तथा प्रदेश सरकार सिर्फ किसानों के लिए विकास का ढिंढोरा पीट रही है और स्थिति को देखा जाये तो बहुत ही खराब है. अगर अन्नदाता को परेशान किया जायेगा तो विकसित भारत की परिकल्पना कैसे कर सकते हैं. आज किसानों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए धरना देना पड़ता है ज्ञापन सौंपना पड़ता है. पूरे प्रदेश मे खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है और जिम्मेदार पूरी तरह से चुप बैठे हैं. यहां के मुण्डेरवा चीनी मिल को बन्द कर दिया गया और चालू कराने के लिए पिछले वर्ष किसानों को आश्वासन दिया गया, लेकिन चीनी मिल नहीं चालू हो पायी चीनी मिल चालू न होने से कर्मचारियों की नौकरी छिन गयी और गन्ना उत्पाद भी कम हो गया.

किसानों का भुगतान नहीं हुआ तो आंदोलन की चेतावनी

उन्होंने कहा कि किसानों का करोड़ों रूपया बकाया है लेकिन भुगतान करने के लिए सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है जिन किसानों का भुगतान बाकी है उन किसानों के घर मे कितनी समस्याएं हैं उसके बारे मे सरकार नहीं सोच रही है. सिर्फ किसानों को धोखा देने के लिए सरकार झूठा वादा करती है. अगर किसानों का भुगतान जल्द नहीं हुआ तो आज के बाद प्रदर्शन ही नहीं सड़क पर उतर कर व्यापक विरोध और आंदोलन किया जायेगा.

Farmers Protest Walterganj Sugar Mill

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी को मिल को चालू करने और बकाया भुगतान के लिए ज्ञापन सौंपा गया है. इस मौके पर समाजवादी पार्टी के विधायक राजेन्द्र चैधरी, अतुल चैधरी सहित भारी संख्या में किसान मौजूद रहे.

2016 से बंद चीनी मिल पर 40 करोड़ से अधिक का बकाया

एक समय था जब बस्ती को चीनी का कटोरा कहा जाता था बस्ती जनपद गन्ने का पूरा क्षेत्र था. यहां के किसान धान, गेहूं की खेती आवश्यकतानुसार करते थे और शेष गन्ने की खेती करते थे. वाल्टरगंज चीनी मिल की स्थापना 1927 में हुई थी, लेकिन प्रबंधन की गलत नीतियों और आर्थिक तंगी के कारण 2016 में इसका संचालन बंद हो गया. इस बंदी से क्षेत्र के किसानों और कर्मचारियों पर भारी असर पड़ा, क्योंकि उनका वेतन और गन्ने का भुगतान नहीं हो पाया था. वाल्टरगंज चीनी मिल के बंद होने से उस क्षेत्र के लगभग ढाई लाख किसानों के आय का स्रोत खत्म हो गया है. खेती करने के बाद भी किसानों को दिहाड़ी मजदूरी कर के अपना और अपने परिवार का भरन-पोषण करना पड़ रहा है. मिल पर किसानों और कर्मचारियों का लगभग 40 करोड़ से अधिक बकाया है.

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Published: 29 Aug, 2025 | 08:11 PM

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