उत्तर प्रदेश में खरीफ फसल फसल की बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों के लिए खुशखबरी है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि खरीफ 2025 के तहत किसानों को फ्री में उन्नत बीज दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उन्नत बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने कुल 4,58,000 निःशुल्क मिनीकिट वितरित करने की योजना बनाई है, जिसमें उर्द, मूंग, अरहर की 1,05,000 मिनीकिट, तिल की 1,00,000 मिनीकिट, मूंगफली की 6,000 मिनीकिट और मोटे अनाज (सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा, रागी) की 2,47,000 की मिनीकिट शामिल हैं.
सरकार को उम्मीद है कि उसके इस प्रयास से राज्य में दलहन और तिलहन फसल का रकबा बढ़ेगा और किसानों की कमाई में भी बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए कुल 41067.12 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है. यह बजट कई योजनाओं के तहत जारी हुआ है. कृषि मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 16290.00 लाख रुपये, फूड एवं न्यूट्रिशन सिक्योरिटी योजना के तहत 10276.92 लाख रुपये और कृषोन्नति योजना के तहत 14500.20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे.
4 हजार 969 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित
वहीं, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि ‘कृषि संकल्प अभियान’ के तहत 5 जून तक पूरे प्रदेश में 4 हजार 969 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित गए. जिनमें 8,39,617 किसानों ने भाग लिया है. इनमें 6,48,449 पुरुष और 1,91,168 महिलाएं शामिल हैं. कुल 10,125 स्थलों पर कार्यक्रमों का आयोजन प्रस्तावित है. इस कार्यक्रम में ICAR, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि से जुड़े कई सरकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दिए ये सुझाव
इन अधिकारियों द्वारा किसानों को पशुपालन, मछली पालन और बागवानी से जुड़ी तमाम जानकारियां दी गईं. इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को गर्मी में खेतों की जुताई करने के तरीके,उन्नत किस्म के बीजों की गुणवत्ता और समय पर बीज की बुवाई करने के फायदे बताए.
कृषि मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने किसानों को पैदावार बढ़ाने के लिए बारीकी से जाकारी दी. साथ ही जैविक विधि से खेती करने के तरीके भी बताए गए. साथ ही वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाव दिया कि किसी भी फसल की बुवाई करने से पहले मिट्टी की जांच करा लें. मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर ही फसल की बुवाई करें. इससे पैदावार बढ़गी और कम लागत में ही अच्छा मुनाफा मिलेगा.
प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहन
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए भी प्रेरिक किया. इसके लिए उन्हें हरी खाद अपनाने की सलाह दी गई. साथ ही वैज्ञानिकों ने किसानों से कहा कि खाद के रूप में गाय के गोबर और मूत्र का इस्तेमाल करें. सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस अभियान के तहत 550 कृषि वैज्ञानिक और विषय विशेषज्ञ किसानों को उनके क्षेत्र, मिट्टी, मौसम और फसल के अनुसार प्रशिक्षित कर रहे हैं.