धान की लहलहाती फसल किसानों के लिए मेहनत, उम्मीद और खुशहाली का प्रतीक होती है. बरसात का मौसम जैसे ही आता है, किसान खेतों में ज्यादा समय बिताने लगते हैं. लेकिन इसी दौरान एक ऐसा खतरा भी खेतों में मंडराने लगता है, जो किसानों की जान तक ले सकता है. यह खतरा है- सांपों का. खेत की नमी और चारे की वजह से बरसात में सांपों की मौजूदगी बढ़ जाती है. ऐसे में कई बार किसान अनजाने में उनसे टकरा जाते हैं और यह टकराव जानलेवा साबित हो सकता है.
बरसात और खेतों में सांपों की मौजूदगी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बरसात का मौसम सांपों के लिए सबसे अनुकूल समय होता है. धान के खेतों की नमी और आसपास मौजूद खरपतवार उन्हें छिपने और रहने की जगह देते हैं. यही कारण है कि इस मौसम में खेतों में सांप ज्यादा दिखते हैं. किसान जब फसल की देखभाल करने के लिए खेतों में उतरते हैं तो उनका सामना सीधे सांपों से हो जाता है. कई बार यह स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि सांप के काटने पर किसान को तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ता है. यही वजह है कि किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
धान के खेतों में सबसे ज्यादा दिखने वाले तीन सांप
धान की खेती में मुख्य रूप से तीन तरह के सांप पाए जाते हैं. इनमें सबसे खतरनाक है गेंहुअन, जिसे स्थानीय भाषा में काला सर्प भी कहा जाता है. इसका जहर इतना खतरनाक होता है कि काटने पर इंसान की जान तक जा सकती है. दूसरा सांप है करैत, जो खेतों में छिपकली, मेंढक और कीड़े-मकोड़े खाने पहुंचता है. यह भी बेहद जहरीला होता है. यदि ये दोनों सांप काट लें तो झाड़-फूंक पर भरोसा करना खतरनाक साबित हो सकता है. तुरंत अस्पताल जाकर एंटी-वेनम लगवाना ही सही इलाज है. वहीं, तीसरा सांप है रैट स्नेक. यह आकार में बड़ा और डरावना जरूर दिखता है, लेकिन जहरीला नहीं होता. किसान अक्सर इसे देखकर घबरा जाते हैं, जबकि यह सीधे तौर पर नुकसान नहीं पहुंचाता.
सतना जिले के खेतों में सांपों की स्थिति
मध्य प्रदेश के सतना जिले के खेतों में बरसात के मौसम में सांपों की मौजूदगी का अनुपात भी दिलचस्प है. धान के लगभग 70 फीसदी खेतों में रैट स्नेक पाए जाते हैं. वहीं, 20 प्रतिशत खेतों में गेंहुअन और 10 फीसदी खेतों में करैत पाए जाने की संभावना रहती है. इस आंकड़े से साफ है कि रैट स्नेक भले ही ज्यादा दिखता है, लेकिन गेंहुअन और करैत जैसे जहरीले सांप भी किसानों के लिए गंभीर खतरा बने रहते हैं. ऐसे में सतना ही नहीं, बल्कि सभी धान उगाने वाले क्षेत्रों के किसानों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए.
किसानों के लिए बचाव के आसान उपाय
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सावधानी बरतकर किसान इस खतरे से काफी हद तक बच सकते हैं. किसानों को सबसे पहले धान के खेतों की मेड़ और चारे की सफाई करते रहनी चाहिए. खेतों के आसपास की झाड़ियों और खरपतवार को हटाना जरूरी है. अगर जरूरत पड़े तो खरपतवारनाशी का उपयोग भी किया जा सकता है. खेत में काम करते समय किसान रबर के जूते और मोटे कपड़े पहनें, ताकि सांपों के सीधे संपर्क से बचा जा सके. इसके अलावा, किसानों को कभी भी अकेले खेत में काम नहीं करना चाहिए, ताकि किसी खतरे की स्थिति में तुरंत मदद मिल सके. सबसे अहम बात, यदि किसी को सांप काट ले तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना चाहिए. झाड़-फूंक या अंधविश्वास पर भरोसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है.
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