रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए नए क्लस्टर बनाकर प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके लिए नए क्लस्टर बनाने को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ रेशम घर की स्थापना के साथ सिल्क एक्सपो के आयोजन की तैयारी चल रही है. उत्तराखंड में रेशम की खेती को लेकर राज्य सरकार काफी संजीदा हो गई है और रोग मुक्त रेशम बीज उत्पादन पर जोर दे रही है. मॉडर्न और उन्नत तकनीक की मदद से खेती कर रहे किसानों का रेशम बीज उत्पादन बढ़ा है, जिसकी वजह से उत्तराखंड आत्मनिर्भर होने के साथ ही दूसरे राज्यों को भी रेशम बीज सप्लाई कर रहा है.
उत्तराखंड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रेशम की खेती और उत्पादन की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में रेशम कीट बीज उत्पादन कार्यों को गति दी जा रही है और विभाग ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. बीते साल विभाग ने 312 मीट्रिक टन शहतूत कोया, 55,352 किलोग्राम ओकटसर कोया के साथ ही 10 हजार किलोग्राम एरी रेशम कोये का उत्पादन किया गया. इससे 9 हजार किसान परिवारों को जोड़ा गया था.
शहतूत क्लस्टर बनाने को मिली मंजूरी
राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि अब रेशम की खेती का दायरा बढ़ाने के लिए और किसानों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जा रहा है. विभाग की ओर से 13.91 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्रीय रेशम बोर्ड को भेजा गया था. इस प्रस्ताव के तहत शहतूत और वन्या रेशम क्लस्टर बनाए जाने थे, जिन्हें मंजूरी मिल गई है. अभी एक शहतूती और एक वन्या क्लस्टर के लिए 3 करोड़ रुपये का आवंटन मिला है. जबकि, बाकी 4 क्लस्टरों के लिए शीघ्र ही धनराशि मिलेगी.
महिलाओं ककून क्राफ्ट और रेशम धागा बनाने की ट्रेनिंग
रेशम उत्पादन के लिए क्लस्टर बनने से प्रदेश के 450 किसान परिवारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और किसानों की आय बढ़ेगी. वहीं, ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत 13 जनपदों में 300 महिला लाभार्थी किसानों का चयन कर 90 हजार शहतूत के पौधों का रोपण किया गया. इन महिला लाभार्थियों को ककून क्राप्ट और रेशम धागा बनाने की ट्रेनिंग देकर रेशम उत्पादन से जोड़ा जा रहा है.

उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी.
7 लाख रोगमुक्त रेशम कीट बीज उत्पादन
कृषि मंत्री ने कहा कि अब तक रेशम विभाग कीट बीज उत्पादन के लिए केंद्रीय रेशम बोर्ड पर निर्भर था और राज्य को भारी धनराशि खर्च करनी पड़ती थी. लेकिन वर्तमान में विभाग ने बसंत फसल में ही 7 लाख रोगमुक्त रेशम कीट बीजों का उत्पादन कर आत्मनिर्भरता हासिल की है. अब उत्तराखंड अन्य राज्यों को भी कीट बीज की आपूर्ति करने में सक्षम है. वहीं, रेशम किसान नई तकनीक और मॉडर्न फार्मिंग के तरीके अपनाकर उत्पादन और क्वालिटी बेहतर कर पा रहे हैं.
रेशम घर और सिल्क एक्सपो होगा
कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड कोऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के तहत ग्रोथ सेंटर सेलाकुई में तीन पॉवरलूम बनाकर प्रदेश में रेशमी साड़ियों का उत्पादन शुरू कर दिया गया है. वर्ष 2024-25 में 45 हजार मीटर वस्त्र का उत्पादन किया गया है. आगामी वर्ष 2025-26 में देहरादून में सिल्क मार्क ऑफ इंडिया के सहयोग से ‘रेशम घर’ की स्थापना की जाएगी. साथ ही सितंबर में देहरादून में सिल्क एक्सपो का आयोजन भी किया जाएगा.