ठंड बढ़ते ही गाय-भैंस बीमार न हो जाएं, सही देखभाल और खान-पान से दूध उत्पादन होगा दोगुना

सर्दी के मौसम में गाय-भैंस अक्सर ठंड से कमजोर पड़ जाती हैं और दूध में कमी आने लगती है. ऐसे में सही देखभाल, गर्म माहौल और पौष्टिक आहार से पशुओं को स्वस्थ रखा जा सकता है. सरल उपाय अपनाकर किसान अपने पशुओं को ठंड से बचा सकते हैं और पूरे मौसम अच्छा दूध उत्पादन बनाए रख सकते हैं.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 28 Nov, 2025 | 07:16 PM

Animal Care : सर्दी का मौसम शुरू होते ही इंसानों की तरह पशुओं की सेहत पर भी असर दिखने लगता है. खासकर दूध देने वाले पशु ठंड में ज्यादा ऊर्जा खर्च करते हैं, जिससे दूध उत्पादन कम होने लगता है. ऐसे में किसानों को थोड़ी सी समझदारी और सही देखभाल के साथ अपने पशुओं को सर्दी से बचाकर अच्छा दूध उत्पादन बनाए रखना चाहिए. आइए जानते हैं कि ठंड में पशुओं की सेहत और दूध को कैसे सुरक्षित रखा जाए.

ठंडी हवाओं से बचाएं, गर्म और सूखी जगह दें

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दी में सबसे जरूरी है कि गाय-भैंसों  को खुले में न छोड़ें. ठंडी हवा और कोहरा उन्हें जल्दी बीमार कर देता है. पशुशाला को गर्म, सूखी और साफ रखें. दरवाजों पर टाट या बोरी का पर्दा लगाकर ठंडी हवा का रास्ता रोकें. रात में फर्श पर सूखी पराली, भूसा या लकड़ी का बुरादा बिछाएं ताकि पशु ठंडे फर्श से बच सकें. पशुओं को धोते समय सुबह-सुबह ठंडा पानी न डालें. यदि नहलाना जरूरी हो, तो पानी थोड़ा गुनगुना रखें और इसके बाद शरीर को ठीक से पोंछकर छांव में सुखाएं.

सर्दी में बदलेगा खान-पान, तभी बढ़ेगा दूध

सर्दियों में पशु  अपने शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए अधिक ऊर्जा खर्च करते हैं. इसका असर सीधा दूध पर पड़ता है. इसलिए आहार में बदलाव बेहद जरूरी है. पशुओं को ठंड में हरा चारा, दाना-चोकर, गुड़ और ताजा पानी देना जरूरी है. खाने में ऊर्जा बढ़ाने के लिए सरसों, अलसी या उड़द के तेल से बना खली भी दी जा सकती है. गर्माहट देने वाले मिनरल मिक्सचर व विटामिन सप्लीमेंट नियमित रूप से दें ताकि दूध की गुणवत्ता  भी बेहतर बनी रहे. पानी का तापमान भी ध्यान रखेंबहुत ठंडा पानी पीने से पशुओं को सर्दी और पेट संबंधी दिक्कतें पकड़ लेती हैं. कोशिश करें कि उन्हें हल्का गुनगुना पानी पिलाएं.

सर्दी में बीमारियां बढ़ती हैं, एहतियात रखें

ठंड में पशुओं को खांसी, जुकाम, बुखार, डायरिया और न्यूमोनिया होने का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए पशुशाला की सफाई और धूप जरूरी है. रोज सुबह पशुओं को थोड़ी देर धूप में बांध दें, इससे शरीर गर्म रहता है और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है. बछड़ों की देखभाल में खास ध्यान रखें. उन्हें ठंडी हवा और गीली जगह से दूर रखें. जन्म के तुरंत बाद उन्हें गर्म कपड़े या बोरी से ढकें, ताकि कमजोर न पड़ें. अगर कोई पशु खाना कम करे, शरीर ठंडा लगे या सांस लेने में तेज आवाज आए, तो तुरंत इलाज करवाएं. देरी करने पर दूध भी घटता है और बीमारी बढ़ भी जाती है.

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