किसान भाइयों के लिए आजकल बकरी पालन (Bakri Palan) एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है. खेती के साथ-साथ बकरी पालन करना न केवल आसान है बल्कि इससे कम खर्च में अधिक मुनाफा भी कमाया जा सकता है. खास बात यह है कि इसके लिए बहुत बड़े निवेश या जगह की जरूरत नहीं होती. महिलाएं और बच्चे भी घर पर रहकर इसकी देखभाल आसानी से कर सकते हैं. बाजार में बकरी के दूध, मांस और बच्चों की भारी मांग है, जिससे यह व्यवसाय किसानों को जल्दी और स्थायी आमदनी देने वाला बन चुका है.
बकरी पालन क्यों है फायदेमंद?
बकरी एक छोटा और सुविधाजनक जानवर है, जिसे कम जगह में आसानी से पाला जा सकता है. इसका पालन करना सस्ता होता है क्योंकि इसे जूठन, सूखा चारा और सस्ता भोजन भी दिया जा सकता है. बकरी सूखे और कम बारिश वाले इलाकों में भी आसानी से जीवित रहती है. जब जरूरत होती है, तो इसे बेचकर तुरंत पैसे कमाए जा सकते हैं. इसके दूध, मांस और बच्चों से अतिरिक्त आय होती है. कम खर्च, कम मेहनत और ज्यादा मुनाफा देने वाला यह व्यवसाय ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
कौन-कौन सी नस्लें हैं ज्यादा लाभदायक?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में बकरियों की कई नस्लें मिलती हैं, लेकिन कुछ खास नस्लें ऐसी हैं जिन्हें किसान आसानी से पाल सकते हैं. बरबरी नस्ल कम जगह और कम भोजन में भी अच्छी तरह पल जाती है, इसलिए छोटे किसानों के लिए उपयुक्त है. जमुनापारी नस्ल बड़ी होती है और यह ज्यादा दूध व मांस देती है. ब्लैक बंगाल नस्ल मुख्य रूप से मांस के लिए मशहूर है, जबकि देशी बकरी को पालना आसान होता है और यह कम बीमार पड़ती है. छोटे स्तर पर शुरुआत करने के लिए बरबरी और देशी नस्लें सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं, क्योंकि देखभाल भी आसान होती है.
बकरी पालन की सही प्रक्रिया
अगर आप 2 से 5 बकरियों से शुरुआत करना चाहते हैं, तो उसके लिए कोई बड़ा बाड़ा बनाने की जरूरत नहीं है. आप इन्हें घर के आसपास ही रख सकते हैं. उनके खाने के लिए खाने-पीने के बचे हुए हिस्से और थोड़ा चारा मिलाकर खाना तैयार किया जा सकता है. साफ-सफाई बहुत जरूरी है. बकरी को सूखी और हवादार जगह में रखें. बारिश में कीचड़ और गंदगी से दूर रखें, नहीं तो बीमारियां जल्दी हो सकती हैं.
बकरी की प्रजनन क्षमता से बढ़ेगा मुनाफा
बकरी पालन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक बकरी साल में दो बार बच्चे देती है. हर बार 2 से 3 बच्चे होना आम बात है. यानी एक साल में 4 से 6 बच्चे तक हो सकते हैं.
- बकरी 18 महीने की उम्र में बच्चा देना शुरू कर देती है
- बच्चे को एक साल तक पालें, फिर बेचें तो अच्छा रेट मिलता है
- इस तरह कुछ ही समय में आपकी बकरियों की संख्या भी बढ़ती जाएगी और कमाई भी.
बकरियों में होने वाली बीमारियां और बचाव
बकरियों में कुछ बीमारियां जल्दी फैल जाती हैं, खासकर बरसात के मौसम में. इनमें खुरपका-मुंहपका, पेट के कीड़े, और त्वचा रोग जैसे खुजली आम हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि बकरियों को समय-समय पर वैक्सीनेशन और जरूरी दवाइयां दी जाएं. उनका रहने का स्थान साफ, सूखा और हवादार होना चाहिए. बकरियों को स्वच्छ पानी और पोषणयुक्त आहार देना चाहिए ताकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे. यदि कोई लक्षण दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है. सही देखभाल और साफ-सफाई से इन बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है और बकरियाँ स्वस्थ रहती हैं.
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