बरसात में हरा चारा बन सकता है जहर, पशुओं को पेट के कीड़ों से बचाने का ये अचूक उपाय

बरसात में हरा चारा तुरंत खिलाना पशुओं के लिए खतरनाक हो सकता है. इससे पेट में कीड़े, दस्त और पाचन की समस्याएं हो सकती हैं. सही तरीके से चारा दें और समय पर कीड़ों की दवा जरूर दें.

नोएडा | Published: 8 Sep, 2025 | 09:31 PM

बरसात का मौसम शुरू होते ही खेत-खलिहानों में हरियाली छा जाती है. इस समय हरा चारा बहुतायत में मिलता है, जिसे देखकर पशुपालक तुरंत अपने पशुओं को खिलाने लगते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही ताजा दिखने वाला चारा पशुओं के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है?

बारिश के मौसम में अधिक नमी के कारण हरे चारे में छोटे-छोटे कीड़े, बैक्टीरिया और फफूंद पनप जाते हैं. जब यह चारा बिना सावधानी बरते पशुओं को खिलाया जाता है, तो यह उनके पेट में जाकर पाचन तंत्र को खराब कर देता है. इसका असर जानवरों की सेहत पर सीधा पड़ता है, और कई बार उनकी जान भी जा सकती है.

चारा काटकर तुरंत न खिलाएं

कई पशुपालक बरसात में हरा चारा काटते ही सीधे अपने पशुओं को खिला देते हैं. लेकिन यह तरीका बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. ताजा कटा चारा नमी से भरा होता है और उसमें कीड़े या उनके अंडे चिपके हो सकते हैं. जब पशु इसे खाते हैं, तो ये कीड़े उनके पेट में पहुंच जाते हैं और बीमारियां पैदा कर देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप हरे चारे को काटने के बाद कुछ घंटे सूखी और छायादार जगह पर फैला कर रखें. इससे चारे की नमी कुछ हद तक निकल जाती है और उसमें मौजूद हानिकारक कीट भी खत्म हो जाते हैं. जब चारा थोड़ा सूख जाए, तभी जानवरों को खिलाएं. इससे उनके पेट की सुरक्षा होगी.

हर 3 महीने में पेट के कीड़ों की दवा दें

पशुओं के पेट में कीड़े होना एक आम समस्या है, जो बरसात में और भी बढ़ जाती है. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया, तो पशुओं का वजन घटने लगता है, उनमें कमजोरी आ जाती है और दूध देने वाले पशुओं में दूध की मात्रा भी कम हो जाती है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि हर 3 महीने में पशुओं को पेट के कीड़ों की दवा दी जाए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक बात ध्यान रखने की है कि हर बार एक ही दवा न दें. दवा बदलते रहें जैसे अगर पहले Albendazole दी है तो अगली बार Fenbendazole या बाजार में उपलब्ध कोई दूसरी असरदार दवा दी जा सकती है. दवा देने से पहले पशु चिकित्सक से सलाह जरूर लें.

पेट में कीड़े होने के लक्षण पहचानें

पेट में कीड़े होने पर पशुओं में कुछ साफ लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें पहचानना बहुत जरूरी है. आमतौर पर पशु सुस्त रहने लगते हैं और उनका वजन कम होने लगता है. बछिया या पड़िया में खून की दस्त, पेट की सूजन और कमजोरी देखने को मिलती है. दूध देने वाले पशुओं में दूध उत्पादन में गिरावट आती है. अगर ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत किसी पशु चिकित्सक से संपर्क करें और जांच करवाएं. समय पर इलाज से जानवर जल्दी ठीक हो जाते हैं और उनका स्वास्थ्य फिर से सामान्य हो सकता है.

साफ-सफाई और पोषण का रखें ध्यान

बरसात के मौसम में कीचड़ और गंदगी अधिक हो जाती है, जिससे पशुओं में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि आप जानवरों के बाड़े को रोज साफ रखें. जहां जानवर बैठते हैं वह जगह सूखी होनी चाहिए. चारा और पानी के बर्तन भी रोज धोएं और साफ रखें. इसके अलावा केवल हरे चारे पर निर्भर न रहें. पशुओं को सूखा चारा, खली-चूनी और मिनरल मिक्सचर भी दें. साथ ही, समय-समय पर टीकाकरण करवाना न भूलें. इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है और वे मौसम बदलने पर भी स्वस्थ रहते हैं.

Published: 8 Sep, 2025 | 09:31 PM