मध्यप्रदेश में हाईटेक गोशालाओं की शुरुआत, आधुनिक तरीकों से गायों की होगी देखभाल

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहां हाईटेक गोशालाएं बनाई जा रही हैं. यहां गायों की देखभाल आधुनिक तरीके से होगी. गोबर से जैविक खाद, सीएनजी गैस आदि बनाई जाएगी, जिससे किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा.

नोएडा | Published: 5 Sep, 2025 | 06:40 PM

गायों को भारतीय संस्कृति में मां का दर्जा दिया गया है. अब उनकी देखभाल और संरक्षण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक अनोखी पहल की है. मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां गोशालाओं को हाईटेक बनाया जाएगा. यहां न केवल गायों की सेवा होगी, बल्कि उनसे जुड़ी कई आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी.

हाईटेक गोशालाओं से नई मिसाल

मध्यप्रदेश में बनने वाली ये गोशालाएं देश की बाकी गोशालाओं से अलग और अनोखी होंगी. यहां पर गायों की देखभाल आधुनिक तकनीक से की जाएगी. गायों को अच्छे से रखने, उनका इलाज करने और उनके खान-पान का खास ध्यान रखा जाएगा. पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने बताया कि ये कदम गायों के संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ी पहल है.

गोबर से सीएनजी और खाद बनेगी

नई गोशालाओं में गोबर सिर्फ बेकार नहीं जाएगा, बल्कि उसका सही उपयोग किया जाएगा. गोबर से सीएनजी गैस बनाई जाएगी, जिसका इस्तेमाल वाहन चलाने और ऊर्जा उत्पादन में किया जा सकेगा. इतना ही नहीं, इससे बनने वाली जैविक खाद किसानों के खेतों में जाएगी, जिससे खेती की लागत कम होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा. इससे किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को मजबूती मिलेगी.

सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन

गोशालाओं को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए यहां सौर ऊर्जा से बिजली तैयार की जाएगी. छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे रोशनी और बिजली की जरूरत पूरी होगी. यह कदम पर्यावरण को बचाने और गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम साबित होगा. सरकार का कहना है कि इससे गोशालाओं का बिजली खर्च भी बचेगा और स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ेगा.

किसानों और ग्रामीणों को मिलेगा फायदा

इन हाईटेक गोशालाओं से सिर्फ गायों की ही देखभाल नहीं होगी, बल्कि ग्रामीणों और किसानों को भी सीधा लाभ मिलेगा. जैविक खाद खेतों में जाएगी, सीएनजी से रोजगार के नए अवसर बनेंगे और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. ग्रामीण युवाओं को गोशालाओं से जुड़कर काम करने का मौका मिलेगा, जिससे रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे.

देश के लिए बनेगा मॉडल

मध्यप्रदेश की ये पहल पूरे देश के लिए एक मिसाल बनने जा रही है. जब अन्य राज्यों को यहां की सफलता दिखेगी, तो वे भी इसी मॉडल को अपनाने की कोशिश करेंगे. इससे देश में गायों की स्थिति बेहतर होगी और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा. मंत्री लखन पटेल का कहना है कि यह योजना सिर्फ गोशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक क्रांति की शुरुआत है.

Published: 5 Sep, 2025 | 06:40 PM