दुधारू पशुओं के लिए इस पेड़ का पत्ता बना टॉनिक, बिना खर्च दूध बढ़ाने का देसी अचूक नुस्खा
दुधारू पशु पालने वाले किसानों के लिए अरंडी के पत्ते तेजी से फायदेमंद चारा साबित हो रहे हैं. यह हरा पत्ता दूध उत्पादन बढ़ाने, पशुओं की सेहत सुधारने और खर्च कम करने में मदद करता है. आसान उपलब्धता और प्राकृतिक असर के कारण यह तरीका किसानों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
Milk Production: दुधारू पशु पालने वाले किसानों के लिए एक खास खुशखबरी है. गांवों में मिलने वाला एक साधारण पेड़ अब दूध बढ़ाने का देसी और कारगर नुस्खा बन चुका है. अरंडी के पत्ते गाय-भैंस के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं हैं. बिना खर्च के मिलने वाला यह हरा चारा न सिर्फ दूध बढ़ाता है, बल्कि पशु को पूरी तरह तंदुरुस्त भी रखता है.
अरंडी के पत्ते: दूध बढ़ाने का देसी और असरदार उपाय
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कई किसान अपने दुधारू पशुओं को नियमित रूप से अरंडी के पत्ते खिलाते हैं. इन पत्तों को बारीक काटकर भूसे में मिलाकर देने से दूध उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी होती है. अरंडी के पत्तों में मौजूद प्राकृतिक तत्व पशु के शरीर में दूध बनाने वाली ग्रंथियों को सक्रिय करते हैं. यही वजह है कि दूध की मात्रा के साथ गुणवत्ता भी बेहतर होती है. यह तरीका खास बात इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसके लिए किसी महंगी दवाई या सप्लीमेंट की जरूरत नहीं पड़ती.
पाचन शक्ति मजबूत, सेहत रहे दुरुस्त
अरंडी के पत्ते सिर्फ दूध नहीं बढ़ाते, बल्कि पशुओं की सेहत भी सुधारते हैं. नियमित सेवन से पेट संबंधी दिक्कतें कम होती हैं और पाचन क्रिया तेज होती है. पाचन अच्छा रहने से पशु ज्यादा चारा खाता है और शरीर में पोषण सही तरह से पहुंचता है. इससे पशु मजबूत बनता है, थकान कम होती है और उसका वजन भी संतुलित रहता है. कई किसानों का अनुभव है कि अरंडी के पत्ते खाने वाले पशु कम बीमार पड़ते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहती है.
आसानी से मिलने वाला चारा, खर्च लगभग शून्य
अरंडी का पेड़ ज्यादातर खेतों और रास्तों के किनारे अपने आप उग आता है. इसलिए किसानों को इस चारे के लिए किसी अतिरिक्त खर्च की जरूरत नहीं होती. अरंडी के पत्तों को तोड़कर सिर्फ बारीक कतरना होता है और फिर भूसे या हरे चारे में मिलाकर खिलाना होता है. कम लागत और आसान उपलब्धता के कारण यह तरीका पशुपालकों के बीच बेहद लोकप्रिय होता जा रहा है.
दूध की क्वालिटी और मात्रा दोनों में सुधार
अरंडी के पत्तों का नियमित सेवन पशु के शरीर में ऊर्जा और ताकत बढ़ाता है. इससे दूध की गुणवत्ता यानी फैट और एसएनएफ स्तर भी बेहतर होते हैं. बेहतर फैट का मतलब है कि पशुपालक को दूध पर ज्यादा कीमत मिलती है. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अरंडी के पत्ते खिलाने वाले किसानों के पशु अधिक दुधारू बन जाते हैं और लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं. इससे डेयरी खेती अधिक लाभदायक बनती है.