Animal Fodder : सर्दियों में ज्यादा दूध चाहते हैं? बस पशुओं को खिलाएं ये चारा, दोगुना होगा मुनाफा

सर्दियों के मौसम में पशुओं के लिए सही चारा तैयार करना बहुत जरूरी है, ताकि दूध की मात्रा कम न हो. रबी सीजन में किसान पराली, सूखी हरी घास और दानों के मिश्रण जैसे चारे बनाकर रख सकते हैं. इससे पशु पूरे मौसम स्वस्थ रहते हैं और किसान को अच्छा मुनाफा मिलता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 17 Nov, 2025 | 11:30 PM

Animal Fodder : ठंड के मौसम में सिर्फ इंसानों को ही नहीं, पशुओं को भी खास देखभाल की जरूरत होती है. खासकर वे पशु, जिनसे किसान दूध बेचकर घर और खेत का खर्च चलाते हैं. कई बार सही चारा न मिलने पर मवेशियों का दूध अचानक कम हो जाता है. ऐसे में किसान परेशान हो जाते हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि रबी के मौसम में कुछ खास तरह के चारे आसानी से तैयार किए जा सकते हैं, जो न सिर्फ पशुओं का पेट भरेंगे बल्कि उनके दूध की मात्रा भी बढ़ा देंगे. ये चारे कम खर्च में ज्यादा फायदा देते हैं और पशु भी पूरे सीजन स्वस्थ रहते हैं.

रबी में चारे की तैयारी क्यों जरूरी है?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रबी के मौसम  में किसान खेती के साथ-साथ पशुओं के लिए चारा तैयार कर लेते हैं, क्योंकि ठंड के दिनों में हरा चारा आसानी से नहीं मिलता. अगर पहले से योजना न बनाई जाए, तो दूध देने वाले पशुओं की सेहत कमजोर पड़ने लगती है और दूध उत्पादन घटने लगता है. इसलिए किसान पराली, हरी घास, दाना-दूचना और कुछ खास मिश्रण बनाकर सर्दियों के लिए चारा जमा कर लेते हैं. इससे पशुओं को रोजाना पौष्टिक आहार मिलता है और दूध की मात्रा स्थिर रहती है.

पराली बनेगा बेहतरीन चारा, खेत भी होंगे साफ

हर साल किसानों के सामने पराली की समस्या  खड़ी रहती है. कई जगह लोग इसे जलाने को मजबूर हो जाते हैं, लेकिन अब पराली से चारा तैयार करने का तरीका सबसे बेहतर माना जा रहा है. पराली में मक्की, हरा चारा और कुछ पौष्टिक तत्व मिलाकर इसे खास तरह के चारे में बदला जा सकता है. यह चारा लंबे समय तक सुरक्षित रहता है और पशुओं के लिए काफी फायदेमंद होता है. इससे खेत भी बिना जलाए साफ हो जाते हैं और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता. जिन किसानों ने यह तरीका अपनाया है, वे बताते हैं कि इससे चारे की कमी बिल्कुल खत्म हो जाती है.

सूखी हरी घास: सर्दियों का सबसे आसान और सस्ता विकल्प

सर्दी शुरू होने से पहले किसान हरी घास काटकर  सुखा लेते हैं. यह चारा सर्दियों में काफी काम आता है, जब खेतों में हरा चारा कम मिलता है. सूखी घास को हरे चारे में मिलाकर देने से पशुओं को बेहतर पोषण मिलता है. यह चारा हल्का होता है, लेकिन पेट भरता है और पाचन को भी दुरुस्त रखता है. कई पशुपालक इसे ही मुख्य चारे के तौर पर रखते हैं, क्योंकि इसकी लागत कम है और यह बेहद लंबे समय तक खराब नहीं होता.

विशेष आहार: दूध बढ़ाने के लिए जरूरी पोषण

सर्दियों में पशुओं को सिर्फ सूखा चारा देने से बात नहीं बनती. उन्हें दानों और पौष्टिक तत्वों का मिश्रण भी देना पड़ता है. अच्छे दूध उत्पादन के लिए सूखा चारा, बाजरा कड़बी, रिजका, सीवण घास, गेहूं की तूड़ी  और जई का मिश्रण बहुत असरदार माना जाता है. इसके अलावा सरसों चरी, लोबिया, बरसीम और रजका जैसे हरे चारे भी समय-समय पर जरूर देने चाहिए. कई पशुपालक गेहूं का दलिया, चना, खल, बिनौला और ग्वार रात में पानी में भिगोकर सुबह उबालकर खिलाते हैं. यह आहार पशुओं को ताकत देता है और दूध जल्दी बढ़ाता है.

सही चारा

अगर पशु सही खाना  खाते हैं, तो वे पूरी सर्दी स्वस्थ रहते हैं. स्वस्थ पशु ज्यादा दूध देते हैं और किसान की कमाई बढ़ती है. रबी में तैयार किये गए चारे की खास बात यह है कि यह लंबे समय तक चलता है और दूध की गिरती मात्रा को रोके रखता है. यही वजह है कि दूध बेचने वाले किसान ऐसी चारा योजना पहले से बना लेते हैं. यह काम थोड़ा समय लेता है, लेकिन फायदा कई गुना ज्यादा होता है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 17 Nov, 2025 | 11:30 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.