फ्रांस में तेजी से फैल रहा है लम्पी वायरस, 15 लाख दुधारू मवेशियों की हो सकती है मौत

फ्रांस में लम्पी वायरस से दूध उत्पादन में गिरावट आई है. सरकार अगले हफ्तों में 10 लाख मवेशियों का टीकाकरण करेगी और कुछ झुंडों को नष्ट करेगी. किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए. जून 29 से लगभग 3,000 मवेशियों को मारा गया और 6 मिलियन यूरो मुआवजा दिया गया.

Kisan India
नोएडा | Published: 14 Dec, 2025 | 11:01 AM

Lumpy virus: लम्पी वायरल केवल भारत में नहीं बल्कि विदेशों में तेजी से फल रहा है. इसके चपेट में आने से विदेशों में भी पशु बीमार पर रहे हैं. खास कर फ्रांस में लम्पी वायरस का प्रकोप कुछ  ज्यादा ही देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि फ्रांस सरकार अगले कुछ हफ्तों में लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) से बचाव के लिए टीकाकरण का फैसला लिया है. कहा जा रहा है कि फ्रांस सरकार 10 लाख मवेशियों का टीकाकरण करेगी. कृषि मंत्री एनी जेनवार्ड ने कहा कि इससे किसानों को सुरक्षा मिलेगी और उनके नुकसान की भरपाई भी की जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,  यह घोषणा ऐसे समय हुई है जब इस बीमारी के फैलने के कारण पूरे झुंड को मारने का आदेश दिया गया, जिससे किसान सड़कों पर प्रदर्शन  कर रहे हैं. लम्पी स्किन डिजीज मवेशियों और भैंसों में फफोले पैदा करती है और दूध उत्पादन कम कर देती है. मनुष्यों के लिए यह हानिकारक नहीं है, लेकिन व्यापार और अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डालती है. सरकार का कहना है कि संक्रमित झुंडों का पूरा नाश, टीकाकरण और यात्रा प्रतिबंध बीमारी को रोकने के लिए जरूरी हैं. अगर बीमारी फैलती रही, तो कम से कम 15 लाख मवेशी मर सकते हैं. हालांकि कुछ किसान संघ इस तरीके का विरोध कर रहे हैं और केवल लक्षित उपाय और क्वारंटीन की मांग कर रहे हैं.

किसान कर रहे हैं प्रदर्शन

सड़कों पर प्रदर्शन के कारण टोुलूज के पास A64 मोटरवे भी ब्लॉक रही, जहां लगभग 400 किसान और 60 ट्रैक्टर मौजूद थे. फ्रांस की कृषि मंत्री एनी जेनवार्ड ने कहा कि टीकाकरण अनिवार्य होगा क्योंकि यह बीमारी से सुरक्षा प्रदान करता है. उन्होंने बताया कि कुछ मामलों में पूरी झुंड का नाश जरूरी है, क्योंकि बीमारी बिना लक्षण दिखाए भी फैल सकती है और पहचान में नहीं आती. फ्रांस में नौ विभागों में 110 बार लम्पी स्किन डिजीज  के मामले पाए गए और लगभग 3,000 मवेशियों को नष्ट किया गया. जून 29 से अब तक किसानों को लगभग छह मिलियन यूरो का मुआवजा भी दिया जा चुका है.

इंडिया में भी मवेशियों की हो रही मौत

बता दें कि लम्पी वायरस में भारत में हजारों दुधारू मवेशियों  की मौत हो चुकी है. इसके सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में देखा गया है. हालांकि, सरकार इस रोग से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान भी चला रही है. इसके बावजूद संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बीतें महीने बिहार के सिवान जिले के कई गांवों में लंपी वायरस फैलने से दर्जनों मवेशियों की मौत होने की खबर सामने आई थी.  खासकर गाय और उसके बच्चे इस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. 

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