गाय-भैंस का दूध अचानक हो गया कम? हो सकता है चारे में हो रही हो ये बड़ी गलती

गाय-भैंस का शरीर संवेदनशील होता है और उनका पाचन तंत्र खास तरह के संतुलित आहार पर ही सही काम करता है. जब उन्हें खराब, बासी या अनुपयुक्त भोजन दिया जाता है, तो पेट से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं. इससे पशु सुस्त हो जाते हैं, चारा कम खाते हैं और धीरे-धीरे दूध देना कम कर देते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 17 Dec, 2025 | 09:27 AM

Dairy Farming: अगर आपकी गाय या भैंस ने अचानक दूध कम देना शुरू कर दिया है, तो इसे मौसम या उम्र का असर मानकर नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. कई बार इसकी असली वजह पशुओं का गलत खानपान होता है. पशुपालक अक्सर यह सोचकर घर का बचा हुआ खाना या जो भी चारा उपलब्ध हो, पशुओं को खिला देते हैं, लेकिन यही आदत दुधारू पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन दोनों को नुकसान पहुंचाती है. सही आहार न मिलने पर पशु कमजोर होने लगते हैं, उनका पाचन बिगड़ता है और इसका सीधा असर दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर पड़ता है.

गलत आहार से क्यों घटता है दूध उत्पादन

गाय-भैंस का शरीर संवेदनशील होता है और उनका पाचन तंत्र खास तरह के संतुलित आहार पर ही सही काम करता है. जब उन्हें खराब, बासी या अनुपयुक्त भोजन दिया जाता है, तो पेट से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं. इससे पशु सुस्त हो जाते हैं, चारा कम खाते हैं और धीरे-धीरे दूध देना कम कर देते हैं. कई मामलों में दूध का स्वाद और गंध भी बदल जाती है, जिससे बाजार में उसकी कीमत कम मिलती है.

बासी और फफूंद लगे चारे से बड़ा खतरा

अक्सर देखा गया है कि बारिश या नमी के कारण चारे में फफूंद लग जाती है और पशुपालक उसे पहचान नहीं पाते. ऐसा चारा पशुओं के लिए बेहद खतरनाक होता है. इससे अपच, पेट दर्द, दस्त और यहां तक कि जहर जैसा असर भी हो सकता है. लंबे समय तक ऐसा चारा खाने से दूध उत्पादन लगातार गिरता जाता है और पशु बीमार रहने लगता है.

जरूरत से ज्यादा नमक भी नुकसानदायक

नमक पशुओं के लिए जरूरी जरूर है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा से फायदे के बजाय नुकसान होता है. ज्यादा नमक खाने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और किडनी पर दबाव बढ़ता है. इसका असर पशु की ऊर्जा और दूध देने की क्षमता पर साफ दिखता है. इसलिए नमक हमेशा सीमित और संतुलित मात्रा में ही देना चाहिए.

तीखी और तेज गंध वाली चीजें बिगाड़ती हैं दूध की गुणवत्ता

कई बार लोग घर में बचा हुआ प्याज, लहसुन या मसालेदार खाना पशुओं को खिला देते हैं. इससे दूध में अजीब गंध और स्वाद आ सकता है. ऐसे दूध को लोग पीना पसंद नहीं करते, जिससे पशुपालक को नुकसान उठाना पड़ता है. इसके अलावा ये चीजें पशुओं के पाचन को भी प्रभावित करती हैं.

कच्चे और हरे आलू से बचाव जरूरी

हरे आलू या उनके छिलकों में एक जहरीला तत्व पाया जाता है, जो पशुओं के पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे उल्टी, पेट खराब और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में दूध उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ता है.

ज्यादा गेहूं और मीठी चीजें भी बन सकती हैं परेशानी

कुछ पशुपालक सोचते हैं कि ज्यादा गेहूं या आटा देने से पशु ताकतवर होगा, लेकिन हकीकत इससे उलट है. जरूरत से ज्यादा गेहूं पेट में गैस और एसिडोसिस जैसी बीमारियां पैदा कर सकता है. इसी तरह गन्ने का रस या बहुत मीठी चीजें देने से अम्लता बढ़ती है और लिवर पर बुरा असर पड़ता है.

सही खानपान से बढ़ेगी सेहत और दूध

दुधारू पशुओं को हमेशा ताजा, साफ और संतुलित आहार देना चाहिए. हरा चारा, सूखा भूसा, दाना और साफ पानी सही मात्रा में मिलने से पशु स्वस्थ रहता है और दूध उत्पादन भी अच्छा बना रहता है. थोड़ी सी सावधानी और सही जानकारी से पशुपालक अपने पशुओं की सेहत बचा सकते हैं और दूध से होने वाली आमदनी को भी बढ़ा सकते हैं.

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