Pheasant Farming : अगर आप खेती-पशुपालन में कुछ नया करना चाहते हैं और कम खर्च में अच्छी कमाई का तरीका ढूंढ रहे हैं, तो तीतर पालन आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है. गांवों में अक्सर लोग कहते हैं कि आजकल कम जगह में भी अच्छा बिज़नेस हो सकता है. यही बात तीतर पालन पर बिल्कुल फिट बैठती है. छोटा आकार, तेज़ विकास, ज्यादा अंडे और कम निवेश.. इन कारणों से यह बिजनेस तेजी से मशहूर हो रहा है.
तीतर क्या है और इसकी खासियत क्यों बढ़ रही है?
मीडिया रिपोर्ट केअनुसार, तीतर एक जंगली पक्षी है, जिसे कई जगह बटेर के नाम से भी जाना जाता है. उड़ान कम भरने वाला यह पक्षी ज्यादातर जमीन पर रहता है और अपना घोंसला भी जमीन पर ही बनाता है. इसका मीट बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक माना जाता है, जिसके कारण इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. पहले तीतर का अवैध शिकार काफी बढ़ गया था, जिससे इसकी संख्या घटने लगी. इसी वजह से वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत इसके शिकार पर रोक लगा दी गई. हालांकि पालन पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी है. आज कई किसान लाइसेंस लेकर तीतर पालन कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. इसकी खासियत यह है कि इसे पालना आसान है और कम जगह में बड़ा यूनिट भी चल सकता है.
कम लागत में शुरू करें बिजनेस
तीतर पालन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इस बिज़नेस को बहुत कम खर्च में शुरू किया जा सकता है. पक्षी का वजन कम होता है, इसलिए भोजन की जरूरत भी कम होती है. एक छोटे से शेड में 4-5 तीतर रखकर आप शुरुआत कर सकते हैं और बाद में अपनी यूनिट बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा तीतर तेजी से बढ़ते हैं. मादा तीतर 45-50 दिनों में अंडे देना शुरू कर देती है और सबसे अधिक अंडे 60 से 70 दिन की उम्र में मिलते हैं. एक तीतर साल में 250 से 280 अंडे दे देती है, जबकि अच्छी देखभाल में यह संख्या 300 अंडे तक भी पहुंच जाती है. इतने अंडों की वजह से तीतर पालन में मुनाफा जल्दी मिलता है. अंडे, चूजे और बड़े तीतर-तीनों की बाजार में अच्छी मांग है.
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आसान देखभाल, कम जगह और तेज बढ़वार
तीतर छोटे आकार के होते हैं, इसलिए इनको पालने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती. इनके लिए साफ-सुथरी जगह, ताजा पानी और संतुलित दाना बस यही सबसे जरूरी है. कठोर मौसम में इनको हल्की सुरक्षा की जरूरत होती है, इसके अलावा पालन में कोई बड़ी दिक्कत नहीं आती. कम जगह में ज्यादा पक्षी रखे जा सकते हैं, जिससे आपका निवेश भी कम होता है और मुनाफा ज्यादा. तीतर पालन उन किसानों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है जो कम जमीन में बड़ा फायदा चाहते हैं. अदालत से लाइसेंस लेकर यह व्यवसाय कानूनी तरीके से किया जा सकता है और सरकार भी कई जगह प्रशिक्षण व सहायता मुहैया कराती है.