सर्दियों में मुर्गी पालन बना चुनौती, तापमान गिरते ही बढ़ रहा बीमारी का खतरा.. किसानों को नुकसान
सर्दियों की ठंड मुर्गियों को तेजी से बीमार कर सकती है. तापमान गिरते ही उनका खाना कम हो जाता है और झुंड में बीमारियां फैलने लगती हैं. ऐसे मौसम में सही तापमान, साफ-सफाई और थोड़ी-सी देखभाल बेहद जरूरी है. जरा-सी गलती पोल्ट्री फार्म को भारी नुकसान पहुंचा सकती है.
Poultry Health : सर्दियों की दस्तक के साथ ही खेतों में ठंडी हवाएं चलने लगी हैं और तापमान रोज थोड़ा-थोड़ा नीचे उतर रहा है. इंसानों की तरह मुर्गियों को भी ठंड बहुत जल्द लगती है. बस हल्की-सी ठंडक आई नहीं कि उनकी सेहत पर असर दिखने लगता है. खाना कम हो जाता है, बेचैनी बढ़ जाती है और कई बार बीमारियां पूरे झुंड में फैल जाती हैं. ऐसे में जरा-सी चूक भी बड़े नुकसान में बदल सकती है. अगर सही जानकारी और थोड़ी-सी समझदारी अपनाई जाए तो ठंड के मौसम में भी मुर्गियों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सकता है और फार्म का उत्पादन अच्छा बना रह सकता है.
ठंड के मौसम में बीमारी का बढ़ा डर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे सुबह और शाम की ठंड बढ़ती है, पोल्ट्री फार्म में बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. मुर्गियां तापमान में अचानक बदलाव को सहन नहीं कर पातीं, जिसकी वजह से उनका शरीर कमजोर होने लगता है. बीमारी एक बार फैल गई तो पूरे झुंड में तेजी से फैलती है और अंडे व मांस उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है. कई बार ठंड की वजह से मुर्गियां खाना तक छोड़ देती हैं जिससे उनका वजन तेजी से गिरता है. इस तरह छोटी-सी गलती फार्म को भारी नुकसान में बदल सकती है.
क्यों जरूरी है सही तापमान बनाए रखना?
ठंड के मौसम में पोल्ट्री फार्म का तापमान सही स्तर पर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही मुर्गियों की सेहत का सबसे बड़ा आधार है. विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के दिनों में फार्म के अंदर तापमान करीब 25 से 26 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. इससे कम तापमान होने पर मुर्गियां सिमट जाती हैं, कांपने लगती हैं और उनकी ऊर्जा तेजी से खत्म होती जाती है. अगर तापमान ज्यादा हो जाए तो वे बेचैन हो जाती हैं और उनका खाना-पीना बिगड़ जाता है. तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव भी मुर्गियों की सेहत के लिए खतरनाक होता है.
फार्म को गर्म रखने के आसान और सुरक्षित तरीके
सर्दियों में पोल्ट्री फार्म को गर्म रखना कोई मुश्किल काम नहीं है, बस कुछ आसान तरीकों को सही ढंग से अपनाने की जरूरत होती है. फार्म में ब्रूडर का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो मुर्गियों के आसपास लगातार गर्मी बनाए रखता है. इसके अलावा सुरक्षित दूरी पर लकड़ी का कोयला, बायोमास पैलेट्स या धान की भूसी जलाकर तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है. ध्यान रखने वाली बात यह है कि धुएं की मात्रा ज्यादा न हो , क्योंकि ज्यादा धुआं मुर्गियों के लिए उतना ही नुकसानदायक है जितनी ठंड. छोटे चूजों को अतिरिक्त गर्माहट की जरूरत होती है.
साफ-सफाई और नमी पर भी दें पूरा ध्यान
सर्दियों में नमी तेजी से बढ़ती है और अगर पोल्ट्री फार्म में नमी जमा हो जाए तो बीमारियां और तेजी से फैलती हैं. इसलिए रोज साफ-सफाई बेहद जरूरी हो जाती है. फार्म की फर्श हमेशा सूखी रखनी चाहिए और दाना-पानी की जगह पर गंदगी बिल्कुल न जमने दें. खिड़कियों और दरवाजों को इस तरह खोलें कि ताजी हवा आती रहे, मगर ठंडी हवा सीधा अंदर न घुसे. अगर नमी नियंत्रित रहेगी तो मुर्गियां ज्यादा एक्टिव रहेंगी, खाना अच्छा खाएंगी और उत्पादन भी बढ़िया रहेगा. साथ ही हल्का-गुनगुना पानी, पौष्टिक दाना और समय-समय पर सप्लीमेंट्स देने से मुर्गियां मौसम बदलने में आसानी से एडजस्ट कर लेती हैं.