बरसात का मौसम सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं, पशुओं के लिए भी चुनौती भरा होता है. इस मौसम में गंदगी, नमी और संक्रमण के कारण मवेशियों के बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. लेकिन अगर आप पशुशाला (शेड) में कुछ आसान और जरूरी बदलाव कर लें तो न केवल अपने पशुओं को बीमारियों से बचा सकते हैं, बल्कि दूध उत्पादन भी बढ़ा सकते हैं. आइए जानते हैं वो तीन जरूरी इंतजाम, जिन्हें अपनाकर आप बरसात के खतरे को टाल सकते हैं.
शेड के ढलान पर दें खास ध्यान
बरसात के समय शेड में पानी और मूत्र जमा होने से संक्रमण फैलने का खतरा होता है. इस स्थिति में पशुपालन एक्सपर्ट का मानना है कि शेड का फर्श सीमेंट का और थोड़ा ढलान वाला हो, ताकि पानी और पेशाब आसानी से बाहर निकल जाए. इसके अलावा, शेड में नालियों का अच्छा इंतजाम होना चाहिए, जिससे गंदा पानी बाहर निकलता रहे. ध्यान दें कि हर सप्ताह कम से कम एक बार शेड में कीटनाशक का छिड़काव जरूर करें, ताकि मक्खी-मच्छर और कीड़े नहीं पनपें. यही नहीं शेड के अंदर ताजा और सूखा माहौल बना रहे, इसके लिए नियमित सफाई बेहद जरूरी है.
गर्मी से राहत देने वाले इंतजाम करें
बरसात के साथ-साथ गर्मी भी पशुओं को परेशान करती है. ऐसे में शेड की छत पर पुआल या थर्मल शीट बिछाना एक अच्छा उपाय है. इससे शेड के अंदर का तापमान नियंत्रित रहता है और पशु राहत महसूस करते हैं. अगर शेड के आसपास पेड़-पौधे हैं तो वह भी छाया और ठंडक बनाए रखने में मदद करते हैं. ज्यादा गर्मी होने पर दिन में एक-दो बार पानी का छिड़काव भी किया जा सकता है.
सफाई में न बरतें लापरवाही
बरसात में जहां थोड़ी सी लापरवाही गंदगी को बढ़ा देती है, वहीं पशुओं की सेहत पर भी असर डालती है. अगर पशु गोबर करता है तो उसे तुरंत साफ कर देना चाहिए, वरना कीचड़ और बदबू फैलती है. चारा देते समय यह ध्यान दें कि नाद में चारा ज्यादा न भरें, क्योंकि पशु अक्सर उसे गिरा देते हैं, फिर वही चारा गंदा हो जाता है. कई बार पशु उसी चारे पर पेशाब कर देते हैं, जिससे बीमारियां फैलती हैं.