अगर आप खेती के साथ-साथ मत्स्य पालन (Fish Farming) करके अतिरिक्त आमदनी करना चाहते हैं, तो चाइना रोहू मछली आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. हाल ही में मछुआरों ने एक खास प्रजाति की रोहू मछली पकड़ी, जिसे स्थानीय स्तर पर चाइना रोहू कहा जा रहा है. यह मछली तेजी से वजन पकड़ती है, कम देखभाल में तैयार हो जाती है और बाजार में अच्छी कीमत भी दिला रही है. यही वजह है कि यह मछली मछुआरों और किसानों के लिए आमदनी बढ़ाने का आसान जरिया बनती जा रही है.
चाइना रोहू: तेजी से बढ़ने वाली मछली
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चाइना रोहू मछली तालाबों में आसानी से पाली जा सकती है. इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती और यह कम समय में ज्यादा वजन पकड़ लेती है. यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है. मछुआरों का कहना है कि यह मछली आमतौर पर 250 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है, जो स्थानीय मछलियों की तुलना में ज्यादा कीमत है. इसके अलावा यह मछली बाजार में भी जल्दी बिक जाती है, जिससे मछुआरों को फसल तैयार होने का इंतजार नहीं करना पड़ता.
पोषण से भरपूर है रोहू मछली
चाहे चाइना रोहू हो या भारतीय रोहू, दोनों पोषण के मामले में बेहद फायदेमंद हैं. 100 ग्राम रोहू में लगभग 17 से 19 ग्राम प्रोटीन होता है, जो शरीर के लिए जरूरी है. इसमें 2-3 ग्राम फैट, 300 से 350 मिलीग्राम पोटैशियम और 80 से 120 मिलीग्राम कैल्शियम भी पाया जाता है. इसके अलावा इसमें विटामिन B12, विटामिन D, आयरन और जिंक जैसे ज़रूरी मिनरल्स होते हैं. खास बात यह है कि इसमें पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल और दिमाग के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसलिए यह मछली न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी वरदान है.
बाजार में जबरदस्त मांग, हर जगह हो रही बिक्री
चाइना रोहू मछली की मांग केवल गांवों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शहरी इलाकों में भी खूब पसंद की जा रही है. होटल, ढाबे, शादी-विवाह और पार्टियों में इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है. देश के कई राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल में इस मछली को खास तौर पर पसंद किया जा रहा है. लोग इसे फ्राई, करी और ग्रिल करके खाते हैं. इसकी स्वाद और सॉफ्ट टेक्सचर के कारण यह हर उम्र के लोगों को भाती है. यही वजह है कि इसकी बाजार में हमेशा डिमांड बनी रहती है.
खेती से बढ़ सकती है आमदनी
अगर कोई किसान या मछुआरा अपने एक हेक्टेयर के तालाब में रोहू की सही देखभाल करे, तो साल भर में करीब 200-250 किलो तक उत्पादन हो सकता है. इससे करीब 50,000 रुपये से 60,000 रुपये तक की आमदनी हो सकती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, समय पर फीडिंग, साफ पानी और सही निगरानी से इस उत्पादन को दोगुना तक बढ़ाया जा सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर तालाब खुदवा कर मछली पालन शुरू किया जा सकता है, जिससे किसानों की आय बढ़ सकती है.
कैसे पहचानें असली रोहू मछली?
रोहू मछली को पहचानना आसान है. इसका शरीर लंबा और थोड़ा घुमावदार होता है. सिर चौड़ा और तिकोना होता है, जबकि पूंछ दो हिस्सों में बंटी होती है. मछली की त्वचा सिल्वर ग्रे रंग की होती है और पेट की तरफ सफेद दिखाई देती है. इसके पंखों और पूंछ में हल्का लाल रंग झलकता है. मार्केट में रोहू की तीन प्रमुख किस्में मिलती हैं- भारतीय रोहू, चाइना रोहू और क्रॉस ब्रेड रोहू. हर किस्म की अपनी अलग पहचान और उत्पादन क्षमता होती है.
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