भारत में कृषि अनुसंधान का सबसे बड़ा संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) इस साल एक बड़े साइबर हमले का शिकार हुआ है, जिससे कई अहम भर्तियों और कृषि अनुसंधान परियोजनाओं से जुड़ा डाटा गायब हो गया. यह घटना अप्रैल 2025 में हुई और इसका असर दिल्ली स्थित मुख्य सर्वर से लेकर हैदराबाद के नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च मैनेजमेंट (NAARM) तक देखा गया.
क्या हुआ हैकिंग में?
जानकारों के मुताबिक, इस साइबर हमले में ICAR की वेबसाइट, दिल्ली का मुख्य सर्वर और हैदराबाद का बैकअप सर्वर (Replication Server) बुरी तरह प्रभावित हुए. टेक्निकल ऑफिसर से लेकर डिप्टी डायरेक्टर जनरल तक की भर्तियों से जुड़े डाटा और आवेदन पत्र सर्वर से गायब हैं. पोर्टल में आई गड़बड़ियों को लेकर देशभर के वैज्ञानिक लगातार शिकायत कर रहे हैं.
क्या-क्या डाटा गायब है?
सूत्रों के मुताबिक हैकरों ने जो डाटा गायब किया है, उसमें शामिल हैं:
- नई वैज्ञानिक रिसर्च से जुड़ी फाइलें
- कृषि टेक्नोलॉजी से जुड़े दस्तावेज
- ICAR के तहत होने वाली नौकरियों और इंटरव्यू से जुड़ी जानकारी
- ICAR के अधीनस्थ संस्थानों के प्रशासनिक रिकॉर्ड
- सरकारी फंडिंग से जुड़े रजिस्टर और रसीदें
अभी क्या स्थिति है?
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, ICAR के सेक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल एम.एल. जाट ने पुष्टि की कि वेबसाइट में कुछ समय पहले हैकिंग हुई थी, लेकिन अब हालात सामान्य हैं. हाल ही में ICAR मंत्रालय ने एक 6 सदस्यीय समिति बनाई है, जो इस मामले की जांच कर 31 जुलाई तक रिपोर्ट देगी. हालांकि, समिति की अभी तक पहली बैठक नहीं हो पाई है.
किन संस्थानों पर पड़ा असर?
इस डेटा हैकिंग का सबसे ज्यादा असर इन संस्थानों पर पड़ा:
- ASRB (एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स रिक्रूटमेंट बोर्ड)
- IASRI (इंडियन एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स रिसर्च इंस्टिट्यूट)
- NAARM (नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च मैनेजमेंट)
वैज्ञानिकों की चिंताएं
दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद, कर्नाल और पुणे के कई ICAR वैज्ञानिकों ने कहा कि यह सिर्फ एक वेबसाइट की समस्या नहीं है, बल्कि इससे उनका शोध, भर्ती प्रक्रिया, वित्तीय कामकाज और प्रशासनिक डाटा सब प्रभावित हुआ है.
क्या कर रही है सरकार?
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 7 जुलाई को ICAR की वार्षिक बैठक में इस मुद्दे को उठाया और तुरंत जांच समिति बनाने का निर्देश दिया. समिति के अध्यक्ष डॉ. डी.के. यादव बनाए गए हैं, जो ICAR के फसल विज्ञान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल हैं.
सरकार की प्रतिक्रिया
मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई है. इस समिति में आईटी एक्सपर्ट्स, गृह मंत्रालय और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं.
अब आगे क्या होगा?
ICAR के सभी संस्थानों में अब साइबर सिक्योरिटी बढ़ाने पर काम शुरू हो गया है. सभी सर्वर की सुरक्षा जांच हो रही है और पुराने डाटा का बैकअप लेकर उसे नए सिस्टम में शिफ्ट किया जा रहा है. सरकार ने चेतावनी दी है कि इस मामले में लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.