छत्तीसगढ़ में बिना बछड़े को जन्म दिए गाय दे रही दूध, गांव वाले और डॉक्टर दोनों हैं हैरान

छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक गाय बिना बछड़ा दिए रोजाना 5 लीटर दूध दे रही है. स्थानीय लोग इसे कामधेनु मानकर पूजा कर रहे हैं. पशु चिकित्सक इसे हॉर्मोनल बदलाव का परिणाम बता रहे हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 24 Aug, 2025 | 07:06 PM

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के दीपका इलाके से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक गाय बिना बछड़ा दिए भी हर दिन लगभग 5 लीटर दूध दे रही है. आमतौर पर गायें तभी दूध देती हैं जब उनके बछड़े होते हैं, लेकिन इस गाय की यह खासियत लोगों के लिए चमत्कार से कम नहीं है. स्थानीय लोग इसे ‘कामधेनु गाय’ मानकर उसकी पूजा भी कर रहे हैं. इस घटना ने लोगों के बीच काफी चर्चा पैदा कर दी है.

गायों के दूध देने का समय उनके बछड़े के जन्म के बाद ही शुरू होता है, लेकिन दीपका की इस गाय ने इस सामान्य नियम को ही उलट दिया है. नवभारत टाइम्स में छपे एक लेख के अनुसार, यह गाय बिना बछड़े के जन्म के हर दिन सुबह-शाम करीब 5 लीटर दूध दे रही है. हालांकि शुरू में यह बात लोगों को भी अजीब लगी थी, लेकिन बाद में उन्होंने इस दूध को निकालना शुरू कर दिया. इस अनोखी घटना को देखकर गांव वाले इसे ‘कामधेनु’ के रूप में पूजने लगे हैं.

दूध देने वाली गाय की कहानी

दीपका के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उनके पास दो गायें हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने देखा कि जिस गाय ने बछड़ा नहीं दिया है, उसका दूध अपने आप टपकने लगा. पहले तो वह इसे सामान्य समझकर छोड़ दिया, लेकिन जब यह दूध गिरना बंद नहीं हुआ तो उन्होंने दूध निकालना शुरू किया. अब यह गाय रोजाना 5 लीटर दूध दे रही है. नवभारत टाइम्स के लेख में कहा गया है कि इस गाय की उम्र लगभग तीन साल है और पिछले एक महीने से यह दूध देना शुरू कर चुकी है.

गांव वालों ने शुरू की पूजा

जब यह खबर गांव में फैल गई तो लोग इस गाय को देखने पहुंचने लगे. नवभारत टाइम्स के अनुसार, लोगों ने इसे ‘कामधेनु गाय’ की संज्ञा दे दी और उसकी पूजा आरंभ कर दी. गांव के लोग रोजाना इस गाय के दूध का एक लीटर भगवान को चढ़ाते हैं. स्थानीय निवासी कहते हैं कि यह गाय उनके लिए सौभाग्य और आशीर्वाद की तरह है. यह दूध पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है और इसे लेकर पूरे गांव में एक सकारात्मक माहौल बना हुआ है.

डॉक्टर का क्या कहना है?

हालांकि गांव वाले इसे चमत्कार मान रहे हैं, लेकिन पशु चिकित्सक इस घटना के पीछे वैज्ञानिक कारण बता रहे हैं. नवभारत टाइम्स में छपे लेख के अनुसार, डॉ. एच. के. सोनी ने कहा कि गाय के बिना बछड़ा दिए दूध देने की स्थिति हॉर्मोनल बदलाव के कारण हो सकती है. उनका कहना है कि कभी-कभी गायों में ऐसा हो सकता है जब उनके हार्मोन असामान्य रूप से सक्रिय हो जाते हैं. यह कोई असाधारण बात नहीं है, लेकिन ग्रामीणों के लिए यह एक अद्भुत अनुभव जरूर है.

क्या है कामधेनु गाय?

‘कामधेनु’ शब्द भारतीय संस्कृति में एक पवित्र और दिव्य गाय के लिए उपयोग होता है. इसे समृद्धि, शुभता और धन का स्रोत माना जाता है. लोग इस गाय को कामधेनु मानकर उसकी पूजा करते हैं और इसे एक विशेष वरदान समझते हैं. हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो गायों की नस्ल, आहार और हॉर्मोनल बदलाव उनके दूध देने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं.

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Published: 24 Aug, 2025 | 07:04 PM

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