जुताई से लेकर बुवाई तक ये मशीन झटपट करेगी काम, ICAE के वैज्ञानिकों ने बनाया कृषि यंत्र

केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर सहाय ने बताया कि इस मशीन के इस्तेमाल से डीजल की बचत होगी जिसके चलते किसानों को खेती में आने वाले खर्च में कमी आएगी.

Kisan India
नोएडा | Published: 3 Sep, 2025 | 09:00 AM

देशभर के कृषि वैज्ञानिकों की यही कोशिश रहती है कि वे कृषि क्षेत्र में ऐसे नवाचार करें जिनकी मदद से किसानों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचे. इसी कड़ी में भोपाल स्थित केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (ICAE) के द्वारा एक से बढ़कर एक किसानों के लिए ऐसी मशीनों का निर्माण किया जाता है जिनका इस्तेमाल किसान आसानी से सर सकें. इस संस्थान की यही कोशिश रहती है कि किसानों के लिए ऐसी मशीन बनाई जाए जिसके इस्तेमाल से किसानों का समय बचने के साथ ही खेती में लागत भी कम आए. बता दें कि, वर्तमान में संस्थान ने ऐसी ही एक मशीन का निर्माण किया है जो कि सोयाबीन किसनों के लिए वरदान साबित हो सकती है, साथ ही खेत जुताई और बीज बुवाई जैसे काम एक साथ कर किसानों के समय की भी बचत कर सकती है.

एक साथ 3 काम करेगी मशीन

‘किसान इंडिया’ से बात करते हुए संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर सहाय ने बताया कि उन्होंने वातावरण को ध्यान में रखते हुए ऐसी मशीन का निर्माण किया है जिसके इस्तेमाल से एक किसान खेत की मिट्टी को भुरभुरा कर सकेंगे, इसके बाद इसी मशीन से खेत में बेड बनाए जा सकेंगे और बाद में इसी मशीन की मदद से किसान बीजों की बुवाई कर सकेंगे. इस मशीन का नाम रोटरी टिलर असिस्टेड ब्रोड बेड फॉर्मर यानी आरटीए बीबीएफ (RTA BBF) है. उन्होंने बताया कि मशीन में लगा रोटावेटर मिट्टी को भुरभुरा करने का काम करता है. इसके बाद खेत में बेड बनाकर बीजों की बुवाई का काम करता है.

Agriculture Machine

प्रधान वैज्ञानिक डॉ चंद्रशेखर सहाय

सोयाबीन उत्पादन के लिए बेस्ट

प्रधान वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर सहाय ने बताया कि मध्य प्रदेश में ये मशीन सोयाबीन किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. उन्होंने बताया कि इस मशीन के इस्तेमाल से किसान सोयाबीन उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी कर सकते हैं. डॉ. सहाय ने बताया कि ब्रोड बेड पर खेती करने से सिंचाई के लिए पानी पर्याप्ता मात्रा में मिल जाता है. वहीं दूसरी ओर अगर बारिश ज्यादा हो गई है तो एक्सट्रा पानी को फरो की मदद से आसानी से निकाला भी जा सकता है. उन्होंने आगे बताया कि सोयाबीन की खेती करने समय खेत में इस मशीन के इस्तेमाल से फसल उत्पादन में किसी तरह की कमी नहीं आती है बल्कि उत्पादन बढ़ता है.

किसानों को कैसे होगा फायदा

केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर सहाय ने बताया कि इस मशीन के इस्तेमाल से डीजल की बचत होगी जिसके चलते किसानों को खेती में आने वाले खर्च में कमी आएगी. इसके साथ ही अलग -अलग मशीनों से होने वाला काम एक ही मशीन से आसानी से हो जाने के कारण किसानों को न केवल समय की बचत होगी बल्कि उनकी मेहनत भी कम होगी. सोयाबीन के अलावा रबी सीजन की फसलें जैसे गेहूं और चने की खेती के लिए भी ये मशीन बेहद ही कारगर साबित होगी. इसके अलावा किसानों को जो सबसे बड़ा फायदा होगा वो ये कि इस मशीन के इस्तेमाल से उत्पादन में की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों बेहतर होगी, जिसके कारण किसानों को बाजार में अपने उत्पादन की अच्छी कीमत मिलेगी.

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Published: 3 Sep, 2025 | 09:00 AM

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