आ गया शरीर को फौलादी बनाने वाला फल, खाने से पहले जान लें फालसा के फायदे

गर्मियों में शरीर को फौलाद जैसा मजबूत बनाने वाला फल फालसा मंडियों में आ चुका है. विटामिन और मिनरल्स से भरपूर ये छोटा सा फल सेहत के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 31 May, 2025 | 09:35 AM

गर्मी जोरों पर है और साथ में बढ़ रही है थकावट, कमजोरी और शरीर का पानी-पसीना. लेकिन इसी तपती गर्मी में एक छोटा सा फल मंडियों में धमाकेदार एंट्री कर चुका है, जो शरीर को बना सकता है फौलाद जैसा मजबूत. नाम है फालसा. दिखने में भले ही यह बेर जैसा छोटा होता है, लेकिन इसके फायदे इतने जबरदस्त हैं कि बड़े-बड़े एनर्जी ड्रिंक भी इसके आगे फेल हो जाएं. आगरा के खेतों में इस वक्त फालसा की रंगत छाई हुई है, कहीं लाल, कहीं काला. तो खाने से पहले जान लीजिए इसके वो फायदे, जो गर्मी में आपके शरीर को बना सकते हैं फौलादी और तंदुरुस्त.

पोषक तत्व से भरपूर

चिकित्सा दृष्टिकोण से देखें तो फालसा को विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस कहा जाता है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन C भरपूर मात्रा में होते हैं. ये सभी तत्व शरीर को मजबूत बनाते हैं, रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाते हैं और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं.

किसानों के चेहरे पर खुशी

इस बार फालसा की फसल ने किसानों को भी राहत दी है. आगरा जिले के अछनेरा, अकोला और एत्मादपुर क्षेत्रों में लगभग 160 हेक्टेयर भूमि पर फालसा की फसल पककर तैयार है. खेतों में फालसा अब लाल और काला रंग पकड़ने लगा है और कुछ ही दिनों में इसकी तुड़ाई शुरू हो जाएगी. जारुआ कटरा और इटोरा के आसपास के इलाके इसकी खेती के लिए खासे मशहूर हैं.

बंजर जमीन पर भी उगता है पौधा

फालसा की एक और खास बात है कि यह अनुपजाऊ और लवणीय मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. यानी जो जमीन बाकी फसलों के लायक नहीं होती, वहां भी फालसा की खेती संभव है. हालांकि अच्छी उपज के लिए जीवांशयुक्त दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है. यह पौधा 3 डिग्री से 45 डिग्री तापमान में आसानी से बढ़ सकता है, जिससे यह उत्तर भारत के लिए फल अच्छा बन जाता है.

कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा

फालसा की खेती के लिए ज्यादा देखरेख की जरूरत नहीं होती. इसकी खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती. फरवरी-मार्च में शाखाओं पर फूल आते हैं और मई-जून में फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं. यह उन किसानों के लिए बढ़िया विकल्प है जो कम मेहनत में ज्यादा फायदा चाहते हैं.

लकड़ी से भी होती है कमाई

केवल फल ही नहीं, फालसा की लकड़ी भी किसानों की कमाई का जरिया बन रही है. इसकी लकड़ी लगभग 10 फीट लंबी होती है और इसकी बिक्री बीघा के हिसाब से 10 हजार रुपये तक में होती है. इस लकड़ी से टोकरी, झोपड़ी, डलिया, टोकना जैसे कई घरेलू सामान बनाए जाते हैं, जो गांवों में खूब बिकते हैं. स्वतंत्र पत्रकार योगेंद्र चौधरी की रिपोर्ट

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Published: 31 May, 2025 | 08:00 AM

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