पंजाब का नाम सुनते ही लोगों लगता है कि यहां पर किसान केवल धान-गेहूं जैसी परंपरागत फसलों की ही खेती करते हैं, लेकिन ऐसी बात नहीं है. यहां पर किसान बड़े स्तर पर बागवानी भी करते हैं. आज हम एक ऐसे किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो तरबूज और खरबूज की खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. आज उनके खेत में उगाई गई फसल की सप्लाई केवल पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी हो रही है. साथ ही उनसे गांव के दूसरे किसान भी बागवानी की बारीकी सीख रहे हैं.
दरअसल, हम जिस सफल किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं उनका नाम गुरनाम सिंह मट्टी है. ऐसे गुरनाम सिंह मट्टी पंजाब के कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी स्थित नसीरेवाल गांव के रहने वाले हैं. मौजूदा वक्त में ये 22 एकड़ में तरबूज और खरबूज की खेती कर रहे हैं. इससे उन्हें साल में 36 से 37 लाख रुपये की कमाई हो रही है. हालांकि, गुरनाम सिंह मट्टी खेती में हाथ आजमाने से पहले पंजाब सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. कई बार परीक्षा देने के बाद उन्हें सफलता नहीं मिली. ऐसे में उन्होंने आधुनिक विधि से खेती करने का फैसला किया.
20 एकड़ में खरबूज की खेती
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरनाम के पास कुल 40 एकड़ जमीन है, जिसमें इस बार 20 एकड़ में खरबूज और 2 एकड़ में तरबूज लगाए हैं. इसके अलावा उन्होंने 45 एकड़ जमीन लीज पर ली है, जिसमें वे नकदी फसलों की खेती कर रहे हैं. ऐसे उनकी खेती से साल की कमाई करीब 2.5 करोड़ रुपये है, जिसमें 40 से 45 फीसदी तक शुद्ध मुनाफा होता है. खास बात यह है कि वे साल में तीन सीजन की फसलें उगाते हैं. वे खरीफ, रबी और वसंत/गर्मी में अलग-अलग फसलों की बुवाई करते हैं. उनकी सबसे अधिक कमाई तरबूज-खरबूज की खेती से ही होती है. हालांकि, गुरनाम सिंह मट्टी केवल 25 फीसदी जमीन पर ही तरबूज-खरबूज की खेती करते हैं.
2 महीने में 37 लाख की कमाई
गुरनाम सिंह 15 फरवरी से मार्च के अंत तक हर साल खरबूज और खरबूज की बुवाई करते हैं. मई की शुरुआत से उत्पादन शुरू हो जाता है, जो जून के अंत तक जारी रहता है. यानी केवल 2 महीने में ही वे तरबूज-खरबूज बेचकर 36 से 37 लाख रुपये कमा लेते हैं. वे मुख्य रूप से बॉबी किस्म के खरबूज उगाते हैं, जो स्वाद में बहुत मीठा होता है. यह ताइवानी कंपनी Known-You द्वारा विकसित हाईब्रिड किस्म है, जो अपनी मिठास और लंबे समय तक ताजा रहने की क्षमता के लिए मशहूर है. इसी वजह से खरीदार खेत से ही पूरा माल खरीद लेते हैं.
प्रति एकड़ इतनी है लागत
गुरनाम का कहना है कि वे एक एकड़ में 200–250 ग्राम हाई क्वालिटी बीज डालते हैं, जिसकी लागत करीब 22,000 रुपये प्रति एकड़ आती है. पहले वे साधारण किस्में उगाते थे, लेकिन उनका बाजार में अच्छा प्रदर्शन नहीं होता था. अब हाइब्रिड किस्मों की मांग अधिक है और मुनाफा भी अच्छा होता है. बीज, खाद, मल्चिंग शीट, मजदूरी व अन्य खर्चों समेत एक एकड़ की कुल लागत करीब 70,000 रुपये से 80,000 रुपये होती है. हालांकि, उन्हें प्रति एकड़ औसतन 100 से 110 क्विंटल उत्पादन मिलता है, जिसे वे थोक बाजार में 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं. एक खरबूज आमतौर पर 800 ग्राम से 1 किलो तक होता है, जो ग्राहकों को काफी भा रहा है.
प्रति एकड़ इतनी है कमाई
गुरनाम का कहना है कि बॉबी किस्म का स्वाद ही इसे सबसे अलग बनाता है. जो एक बार खाता है, वह दोबारा जरूर खरीदता है. इस बार उन्होंने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) की पंजाब अमृत किस्म पर भी 2-3 कनाल जमीन में ट्रायल किया है. वे कहते हैं कि बॉबी किस्म से वे 2.5 से 2.75 लाख रुपये प्रति एकड़ तक कमा लेते हैं, जिसमें 1.7 से 2 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा होता है.