पॉली हाउस में खीरा उगाकर 3 महीने में लखपति बना किसान, यूपी के सुरेंद्र बहादुर ने खेती से 9 लाख रुपये कमाए

अमेठी के किसान सुरेंद्र बहादुर की सफल खेती की कहानी ने दूसरों के लिए एक मिसाल पेश की है. अमेठी के जिलाधिकारी संजय चौहान ने कहा कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन जैसी योजनाएं किसानों को पारंपरिक खेती से आधुनिक खेती (Modern Farming) की ओर बढ़ावा देती हैं.

नोएडा | Updated On: 26 Oct, 2025 | 07:52 PM

Uttar Pradesh News:  उत्तर प्रदेश में किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ने और उनकी आमदनी दोगुनी करने के लिए सरकार लगातार कोशिशें कर रही है. इन्हीं कोशिशों के चलते एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना की शुरुआत की गई. प्रेदश सरकार की इसी योजना का फायदा उठाकर अमेठी जिले के किसान सुरेंद्र बहादुर में पॉली हाउस तकनीक का इस्तेमाल कर खीरे की खेती की, जिससे उन्हें मात्र 3 महीने में किसान सुरेंद्र लाखपति बन गए हैं. किसानों के हितों के लिए प्रदेश में चलाई जा रहीं योजनाओं का लाभ लेकर खेती में अच्छी सफलता पाकर सुरेंद्र ने अन्य किसानों के लिए मिसाल कायम की है. बता दें कि, खीरे के अलावा उन्होंने इंटर क्रॉपिंग विधि से धनिया, मूली और गोभी जैसी सब्जियों की भी खेती कर रहे हैं.

4 हजार वर्ग मीटर में पॉली हाउस का निर्माण

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में सिंहपुर ब्लाक मुख्यालय के रहने वाले किसान सुरेंद्र बहादुर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत आने वाले संरक्षित खेती कार्यक्रम के तहत आवेदन कर 4 हजार वर्ग मीटर इलाके में पॉली हाउस (Polyhouse Technique)का निर्माण करवाया. किसान सुरेंद्र बताते हैं कि अपने पॉली हाउस में उन्होंने संकर खीरा की खेती (Cucumber Farming) की शुरुआत की थी, जिसके बाद फसल की अच्छी देखभाल और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से उन्होंने मात्र 3 महीने में भी लगभग 9 लाख रुपये की कमाई कर ली है.

सुरेंद्र बहादुर की इस सफलता ने अन्य किसानों को भी सरकार की इस योजना (Government Scheme) का लाभ उठाने के लिए बढ़ावा दिया है. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी खीरे की पैदावार को लखनऊ मंडी में बेचकर कुल 9 लाख रुपये की आमदनी की.

19.68 लाख रुपये की सरकारी मदद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान सुरेंद्र बहादुर ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत उन्हें 19.68 लाख रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराई गई थी. उन्होंने बताया कि सरकार की इस आर्थिक मदद और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से ही उन्हें खेती में ये सफलता मिली है. बता दें कि, संकर खीरा की खेती से किसान सुरेंद्र को 600 क्विंटल खीरा का उत्पादन मिला था. उन्होंने बताया की खीरे की खेती के अलावा उन्होंने पॉली हाउस में इंटर क्रापिंग विधि (Inter Cropping Farming) से धनिया, मूली और गोभी जैसी सब्जियों का भी उत्पादन किया जिससे उन्हें 4 लाख रुपये की एक्स्ट्रा आमदनी हुई.

ज्यादा से ज्यादा किसानों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य

अमेठी के किसान सुरेंद्र बहादुर की सफल खेती की कहानी ने दूसरों के लिए एक मिसाल पेश की है. अमेठी के जिलाधिकारी संजय चौहान ने कहा कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन जैसी योजनाएं किसानों को पारंपरिक खेती से आधुनिक खेती (Modern Farming) की ओर बढ़ावा देती हैं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं कि सभी पात्र किसानों तक सरकार की इस योजना का लाभ पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा इस तरह न केवल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है बल्कि किसानों की भी आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और प्रदेश के कृषि क्षेत्र का विस्तार भी होता है.

Published: 27 Oct, 2025 | 09:00 AM

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