स्कूल जाने का सहारा बनी नाव, नदी पर पुल न होने से जान जोखिम में डाल रहे बच्चे

उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से मदद की गुहार लगाते हुए ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार प्रशासन से स्कूल बस चलाने और नदी पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 3 Sep, 2025 | 09:20 PM

आज के समय में जहां प्रधानमंत्री मोदी विकसित भारत के विजन के साथ आगे बढ़ रहे हैं और राज्य सरकारें भी इसी दिशा में काम कर रही हैं. वहीं मध्य प्रदेश में 2 जिले ऐसे भी हैं जो आज भी विकास की रोह जोह रहे हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश के नीमच और मंदसौर जिले की सीमा पर बसे आंतरी खुर्द गांव में स्कूल नहीं है, जिसके कारण यहां के बच्चों को स्कूल जाने के लिए हर दिन करीब 3 किलोमीटर लंबी रेतम नदी को मोटर बोट से पार करना पड़ता है, क्योंकि दोनों जिलों के गांवों को जोड़ना वाला पुल भी नहीं है. गौर करने वाली बात ये है कि ये इलाका प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा का विधानसभा क्षेत्र है. गांव वालों का कहना है कि वे कई बार प्रशासन से पुल निर्माण की मांग की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती.

शिक्षा के लिए जान जोखिल में डाल रहे छात्र

मध्य प्रदेश के नीमच और मंदसौर जिले को रेतम नदीं बांटती है. आंतरी खुर्द गांव मंदसौर जिले के अंतर्गत आता है वहीं आंतरी माताजी गांव नीमच जिले में पड़ता है. बता दें कि, रेतम नदी इन दोनों गांवों के बीच चलती है लेकिन फिर भी इस नदी पर आजतक पुल नहीं बन सका है. मंदसौर जिले में पड़ने वाले आंतरी गांव में कोई स्कूल नहीं है जिसके कारण यहां के बच्चों को 3 किलोमीटर लंबी रेतम नदी को मोटर बोट से पार कर पढ़ने के लिए नीमच जिले के आंतरी माताजी गांव में जाना पड़ता है.

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मोटर बोट से रेतम नदी पार करते हैं छात्र (Photo Credit- Kisan India)

पुल बनने से खतम हो जाएगी समस्या

‘किसान इंडिया’ से बात करते हुए स्कूली छात्रों ने बताया कि अगर वे लोग पक्की सड़क से स्कूल जाएंगे तो 18 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा. जबकि नदी पार करने का रास्ता केवल 3 किलोमीटर का है, इसलिए ये स्कूली बच्चे नदी के रास्ते दूसरे गांव जाते हैं. छात्रों का कहना है कि अगर रेतम नदी के ऊपर पुल बन जाता तो सारी समस्या ही खतम हो जाती. वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य युव राज सिंह चंदेल ने बताया कि आंतरी खुर्द गांव के दर्जनों बच्चे हर दिन जान जोखिम में डालकर यहां पढ़ने आते हैं. ऐसे में कोई भी हादसा हो सकता है. उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले तमाम छात्रों के पिता से सुरक्षा की जिम्मेदारी का शपथ पत्र पहले से ही लिखवा लिया गया है.

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जान जोखिम में डाल स्कूल जाते हैं छात्र (Photo Credit- Kisan India)

सुनवाई नहीं कर रहा प्रशासन

उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से मदद की गुहार लगाते हुए ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार प्रशासन से स्कूल बस चलाने और नदी पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव के लोगों ने बताया कि अब उन्होंने उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से मदद की गुहार लगाई है. इन सबके बीच मल्हारगढ़ तहसीलदार बृजेश मालवीय ने बताया कि मीडिया के माध्यम से बच्चों के जोखिम भरे सफर की जानकारी मिली है और इस मामले की तुरंत जांच करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हम जिला प्रशासन के माध्यम से पुल निर्माण कराने की कोशिश करेंगे.

Neemach and Mandsaur, Madhya Pradesh

तहसीलदार बृजेश मालवीय (Photo Credit- Kisan India)

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Published: 3 Sep, 2025 | 09:20 PM

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