अमूल को मिला नया चेयरमैन, अब अशोक चौधरी निभाएंगे जिम्मेदारी.. गोरधन धमेलिया बने उपाध्यक्ष

1973 में स्थापना के बाद से, गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की कमान इसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ. वर्गीस कुरियन के हाथों में थी. उन्होंने 2006 में यह पद छोड़ा. वे इस फेडरेशन के अंतिम गैर-राजनीतिक अध्यक्ष थे.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 22 Jul, 2025 | 03:04 PM

Amul New Chairman: मेहसाणा की दुग्धसागर डेयरी के चेयरमैन अशोक चौधरी को गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) का नया चेयरमैन सर्वसम्मति से चुना गया है. वहीं, राजकोट दुग्ध उत्पादक यूनियन के चेयरमैन गोरधन धमेलिया को उपाध्यक्ष बनाया गया है. GCMMF देशभर में अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पाद बेचती है. ये चुनाव मंगलवार को आनंद (जिसे ‘भारत की दूध राजधानी’ कहा जाता है) में हुए.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये चुनाव पूर्व चेयरमैन शामल पटेल और उपाध्यक्ष वलमजी हुम्बल के ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद हुए हैं. चेयरमैन और उपाध्यक्ष का चुनाव फेडरेशन की 18 सदस्य डेयरी यूनियनों के चेयरपर्सन, फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और जिला रजिस्ट्रार मिलकर करते हैं. हर यूनियन का वोट उसकी सालाना कमाई पर निर्भर करता है. हालांकि, फेडरेशन की शुरुआत से ही नेतृत्व का चुनाव हमेशा सर्वसम्मति से हुआ है और कभी वोटिंग की नौबत नहीं आई. GCMMF की सालाना कमाई 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इसने एक बार फिर बिना किसी मुकाबले नेतृत्व चुना है. इस बार भी हर पद के लिए सिर्फ एक ही नामांकन आया और परंपरा के अनुसार सर्वसम्मति से चयन हुआ.

अब तक इन्होंने संभाली जिम्मेदारी

1973 में स्थापना के बाद से गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की कमान इसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ. वर्गीस कुरियन के हाथों में थी. उन्होंने 2006 में यह पद छोड़ा. वे इस फेडरेशन के अंतिम गैर-राजनीतिक अध्यक्ष थे. 2006 के बाद से अब तक जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष पद पर गुजरात की चार सबसे बड़ी डेयरियों बनास डेयरी (पार्थी भाटोल), मेहसाणा की दूधसागर डेयरी (विपुल चौधरी), साबरकांठा की साबर डेयरी (पहले जेठा पटेल, अब शमल पटेल) और आणंद की अमूल डेयरी (रामसिंह परमार) के प्रमुख रहे हैं.

2015 में GCMMF के नियमों में बदलाव

2015 में GCMMF के नियमों में बदलाव कर उपाध्यक्ष का पद बनाया गया. इस पद पर पहले पंचमहल की पंचामृत डेयरी के प्रमुख जेठा भरवाड़ रहे और अब यह जिम्मेदारी हम्बल निभा रहे हैं. आणंद जिले के कलेक्टर प्रवीण चौधरी ने कहा है कि चुनाव सुबह 11 बजे से जीसीएमएमएफ के नियमों के अनुसार हुआ. जीसीएमएमएफ की वोटिंग प्रक्रिया थोड़ी खास है. इसमें सभी जिला डेयरी यूनियन के प्रमुख, जो बोर्ड के सदस्य होते हैं, को एक सामान्य वोट का अधिकार होता है. इसके अलावा, उन्हें अतिरिक्त वोट भी मिलते हैं, जो इस आधार पर तय होते हैं कि उनकी डेयरियों ने उस वित्तीय वर्ष में फेडरेशन के साथ कितना व्यापार किया.

12 अरब लीटर से अधिक दूध का संचालन

गुजरात की 18 डेयरी यूनियनों से करीब 36 लाख डेयरी किसान जुड़े हुए हैं, जिससे जीसीएमएमएफ दुनिया की सबसे बड़ी किसान-स्वामित्व वाली डेयरी कोऑपरेटिव बन गई है. इसका ग्रुप ब्रांड टर्नओवर 11 अरब डॉलर से ज्यादा है और यह हर साल 12 अरब लीटर से अधिक दूध का संचालन करता है.

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Published: 22 Jul, 2025 | 03:01 PM

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