अब खाद के लिए नहीं करना पड़ेगा घंटों इंतजार, ऑनलाइन पर्ची से तुरंत मिलेगा उर्वरक

सहकारिता आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा लिए गए इस फैसले का उद्देश्य है कि किसानों को बिना लाइन में लगे, उनकी जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराई जाए.  उन्होंने कहा कि किसानों को कम संसाधनों में ज्यादा सुविधा  देने के लिए ये डिजिटल सिस्टम कारगर साबित होगा.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 4 Oct, 2025 | 05:25 PM

Uttar Pradesh News: रबी सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में खाद की कोई किल्लत नहीं होगी. किसानों को बिना घंटों लाइन में लगे समय पर प्रयाप्त मात्रा में खाद मिलेगी. इसके लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब सहकारिता विभाग नई डिजिटल व्यवस्था लागू करने जा रहा है. इसके तहत किसानों को खाद के लिए ऑनलाइन पर्ची दी जाएगी. यानी अब किसानों को खाद खरीदने के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी. कहा जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से आलू और गेहूं उत्पादक किसानों को काफी फायदा होगा. वहीं, सीमांत और छोटे किसानों को अब एक बोरी खाद के लिए पूरे दिन उर्वरक केंद्र के बाहर इंतजार नहीं करना पडे़गा.

ऑनलाइन पर्ची से मिलेगी खाद

किसानों को रबी सीजन  में समय पर खाद की उलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए यूपी सरकार ने ये फैसला लिया है. प्रदेश भर में जिन सहकारी समितियों में कम्प्यूटर की व्यवस्था उपलब्ध है, वहां किसानों को खाद लेने के लिए ऑनलाइन पर्ची जारी की जाएगी. बता दें कि इस पर्ची को दिखाकर किसान आसानी से खाद ले सकेंगे. इस तरह न केवल किसानों के समय की बचत  होगी, बल्कि उन्हें लंबी लाइन में भी लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी. खाद वितरण प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी रखने में भी ये तरीका मदद करेगा.

3 सदस्यों की कमेटी का गठन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को सुचारू ढंग से चलाने और व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए 3 सदस्यों की एक कमेटी का भी गठन किया गया है. इस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर उप आयुक्त एवं उप निबंधक रत्नाकर सिंह को नियुक्त किया गया है. बता दें कि इस कमेटी द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल  करते हुए किसानों को बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी.

किसानों को सुविधा देना है प्राथमिकता

सहकारिता आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा लिए गए इस फैसले का उद्देश्य है कि किसानों को बिना लाइन में लगे, उनकी जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराई जाए.  उन्होंने कहा कि किसानों को कम संसाधनों में ज्यादा सुविधा  देने के लिए ये डिजिटल सिस्टम कारगर साबित होगा. बता दें कि इस तरह किसानों के समय की भी बचत होगी और उन्हें खाद लेने के लिए लंबी लाइनों में भी नहीं लगना होगा. क्योंकि सिस्टम ऑनलाइन होगा तो खाद वितरण में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका भी नहीं रहेगी.

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Published: 4 Oct, 2025 | 04:10 PM

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