इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव (IFFCO) कर्मचारी संघ और अधिकारी संघ ने मिलकर गुरुवार को नई दिल्ली स्थित इफको सदन में इफको के चेयरमैन दिलीप संघाणी के सम्मान में एक समारोह आयोजित किया. इस मौके पर कर्मचारियों ने गर्मजोशी और उत्साह के साथ उनके नेतृत्व और सहकारी आंदोलन में योगदान का जश्न मनाया. अपने संबोधन में दिलीप संघाणी ने यूनियन और एसोसिएशन का आभार जताया और सभी से अपील की कि वे सिर्फ कर्मचारी या यूनियन सदस्य नहीं, बल्कि एकजुट IFFCO परिवार की तरह काम करें.
दिलीप संघाणी का कहना है कि संगठन की असली ताकत आपसी सम्मान, समानता और सहयोग में है. उन्होंने कहा कि सहकारिता की भावना से ही ‘सहकार से समृद्धि’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ का सपना साकार हो सकता है. वहीं, इसके बाद IFFCO के मैनेजिंग डायरेक्टर केजे पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने दिलीप संघाणी की किसान हितैषी सोच और सहकारी क्षेत्र के प्रति उनकी निष्ठा की सराहना की. उन्होंने कहा कि संघानी के प्रेरणादायक नेतृत्व में IFFCO किसानों की सेवा में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.
IFFCO को एक सफल संगठन बनाया
समारोह में IFFCO के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी और अन्य सदस्य मौजूद रहे. कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि सभी मिलकर सहकारिता की उस भावना को आगे बढ़ाएंगे, जिसने IFFCO को एक सफल संगठन बनाया है.
हाल ही में हुई थीं दो अहम नियुक्तियां
बता दें कि इस समारोह से पहले इफको ने पिछले हफ्ते दो अहम नियुक्तियां की थीं. तरुण भार्गव को कोऑपरेटिव रिलेशन की जिम्मेदारी दी गई, जबकि पीके सिंह को फूलपुर यूनिट का प्रमुख बनाया गया. तरुण भार्गव एक अनुभवी अधिकारी हैं. वे अंतरराष्ट्रीय सहकारी संगठन ICA के थिंक टैंक के पहले चेयरपर्सन रह चुके हैं और ICAO के कार्यकारी सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने उर्वरक उद्योग और सहकारी संस्थाओं के लिए आईटी समाधान तैयार करने में खास अनुभव हासिल किया है. उनकी यह नियुक्ति इफको की सहकारी नेटवर्क और ग्लोबल कनेक्शन को और मजबूत करेगी.
1967 में हुई IFFCO की स्थापना
IFFCO का पूरा नाम इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड है. यह भारत की एक बड़ी सहकारी संस्था है, जो किसानों और कृषि को समर्थन देने के लिए उर्वरकों का उत्पादन और विपणन करती है. 1967 में स्थापित, IFFCO एक वैश्विक स्तर पर सक्रिय संस्था है, जो पूरी तरह भारतीय सहकारी समितियों के स्वामित्व में है. यह 5 करोड़ से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व करती है.