पंजाब में धान की किस्मों की जांच करने के लिए होगा सर्वे, अभी तक 15 लाख हेक्टेयर में हुई बुवाई

सरकार को उम्मीद है कि इस सर्वे से बोई गई धान की किस्मों, प्रतिबंधित पूसा-44 और हाइब्रिड किस्मों के सही-सही आंकड़ों का पता लग जाएगा. हालांकि, अगले दो सप्ताह में धान की बुआई पूरी होने की उम्मीद है.

नोएडा | Updated On: 25 Jun, 2025 | 04:36 PM

पंजाब में किसान तेजी से धान की बुवाई कर रहे हैं. इसी बीच खबर है कि कृषि विभाग बोई गई धान की किस्मों की जांच के लिए फील्ड सर्वे करेगा. यह काम अगले महीने की शुरुआत से शुरू होगा. इस सर्वे का मकसद यह पता लगाना है कि किसानों ने कौन-कौन सी धान की किस्में बोई हैं. क्योंकि राज्य सरकार ने इस बार प्रदेश में PUSA-44 और हाइब्रिड किस्में की खेती पर बैन लगा दिया है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है. इसके चलते राज्य सरकार ने PUSA-44 और हाइब्रिड धान की किस्मों पर रोक लगा दी, क्योंकि इनमें ज्यादा पानी की खपत होती है और कटाई के बाद अधिक पराली भी निकलती है. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि खासतौर पर मलवा क्षेत्र के संगरूर, मानसा और बठिंडा जिले में सर्वे का काम ज्यादा गहराई से किया जाएगा. क्योंकि खबरें हैं कि इन जिलों में निजी डीलरों ने PUSA-44 की बुआई करवाई है.

15.24 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई

वहीं, सरकार को उम्मीद है कि इस सर्वे से बोई गई धान की किस्मों, प्रतिबंधित पूसा-44 और हाइब्रिड किस्मों के सही-सही आंकड़ों का पता लग जाएगा. हालांकि, अगले दो सप्ताह में धान की बुआई पूरी होने की उम्मीद है. कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 1 जून से अब तक 15.24 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है. जबकि पिछले साल 10 जून से 24 जून तक 7.47 लाख हेक्टेयर में फसल की रोपाई हो हुई थी.

6.50 लाख हेक्टेयर में होगी बासमती की बुवाई

इस साल धान की रोपाई की तारखी पहले कर दी गई है, ताकि सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह में धान की कटाई के बाद किसानों को वैज्ञानिक तरीके से पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त समय मिल सके. जबकि, अधिकारियों का कहना है कि गैर-बासमती धान की किस्मों की बुवाई इस महीने के अंत तक पूरी हो जाएगी, जबकि बासमती की बुवाई 1 जुलाई से शुरू होगी. सरकार को उम्मीद है कि इस साल करीब 6.50 लाख हेक्टेयर में बासमती की खेती होगी.

 

Published: 25 Jun, 2025 | 04:12 PM