MP में बासमती की खेती से किसान हुए खुशहाल, चार गुना बढ़ा रकबा.. हो रही बंपर कमाई

बासमती धान का प्रमाणित बीज 75 से 100 रुपये प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है. एक हेक्टेयर में बुवाई करने पर बासमती धान के 20 किलो बीज की जरूरत होती है और फसल 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

नोएडा | Updated On: 28 Jul, 2025 | 06:01 PM

Basmati Cultivation: धान की खेती केवल बिहार, हरियाणा और पंजाब में ही नहीं की जाती, बल्कि मध्य प्रदेश में भी किसान बड़े स्तर पर इसे उगा रहे हैं. खासकर जबलपुर जिले की बात ही अलग है. यहां के बासमती धान की मांग पूरे प्रदेश में हो रही है. ऐसे जिले के किसान खरीफ मौसम के दौरान 1 लाख 75 हजार हेक्टेयर में धान की खेती करते हैं. यहां के किसान धान की कई किस्में उगाते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से बासमती की तरफ किसानों का रुझान कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. इससे जिले में पांच वर्षों के अंदर बासमती धान का रकबा चार गुना तक बढ़ गया है. बड़ी बात यह है कि रकबा के साथ-साथ बासमती की खेती करने वाले किसानों की कमाई भी बढ़ी है.

प्रसार भारती के अनुसार, इस साल कृषि विभाग की तरफ से जिले के किसानों को बासमती की उन्नत किस्मों के बीज बांटे गए हैं. जानकारी के मुताबिक, शासकीय एवं निजी बीज विक्रेताओं के माध्यम से जिले में लगभग 7 हजार क्विंटल बासमती धान के बीज किसानों को उपलब्ध कराए गए हैं. सहायक संचालक कृषि रवि आम्रवंशी के मुताबिक, जिले में अभी बासमती धान की रोपाई जारी है. मजदूरों के साथ-साथ पैडी ट्रांसप्लांटर की मदद से भी धान की रोपाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिले में 5 वर्ष पहले 10 हजार हेक्टेयर में बासमती धान की रोपाई होती थी. अब रकबा बढ़कर लगभग 40 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है.

115 दिनों में तैयार हो जाती है धान की किस्म

सहायक संचालक कृषि रवि आम्रवंशी का कहना है कि जिले में बासमती धान का रकबा बढ़ने के कई कारण हैं. इसके लिए उन्होंने उपयुक्त जलवायु, प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादन और बाजार में मिलने वाली अच्छी कीमत को मुख्य वजहें बताई हैं. उन्होंने कहा कि बासमती धान और इससे बना चावल लंबा, पतला, सुगंधित और मुलायम होता है, जो पकने पर आपस में चिपकता नहीं है. बासमती धान का प्रमाणित बीज 75 से 100 रुपये प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है. एक हेक्टेयर में बुवाई करने पर बासमती धान के 20 किलो बीज की जरूरत होती है और फसल 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

5 हजार रुपये क्विंटल मार्केट में मिल रहा है रेट

सहायक संचालक कृषि ने कहा कि जिले में बासमती धान का उत्पादन 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो रहा है. किसानों को बासमती धान का बाजार मूल्य 5 हजार रुपये से 5 हजार 500 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है. जबकि इससे बने बासमती चावल का बाजार में मूल्य 100 से 125 रुपए प्रति किलोग्राम तक प्राप्त होता है. बासमती धान में लगने वाले खरपतवार कीट एवं बीमारियों का नियंत्रण दवाओं के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है. दावत जैसी प्रमुख कंपनियां जिले के किसानों से बासमती धान अच्छी कीमत पर खरीद कर ले जा रही हैं. उपयुक्त जलवायु, धान का अधिकतम रकवा, प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादन आदि सभी कारणों से जबलपुर के किसानों के लिए भविष्य में बासमती धान की अपार संभावनाएं हैं.

Published: 28 Jul, 2025 | 05:54 PM