Mandi Bhav: महंगाई की मार, 200 रुपये किलो हुआ फूलगोभी.. जानें टमाटर का ताजा रेट

हालांकि, अब मनाली-लाहौल के बीच सड़क संपर्क दोबारा शुरू हो गया है, जिससे सब्जियों की आवाजाही आसान हो गई है, लेकिन दाम अभी भी काफी ज्यादा हैं. पिछले महीने जब हिमाचल के ज्यादातर इलाकों में सड़कें बंद थीं. तब लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने किसानों की सब्जियों को लेह से दिल्ली तक हवाई मार्ग से भेजने की व्यवस्था की थी.

नोएडा | Published: 12 Sep, 2025 | 03:06 PM

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते सब्जियों की बहुत अधिक बर्बादी हुई है. इससे शिमला में हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं. खास कर लेट्यूस, ब्रोकली और बेल पेपर जैसी विदेशी सब्जियां और महंगी हो गई हैं. जबकि, इनकी खेती खुद हिमाचल प्रदेश में होती है. बड़ी बात यह है कि लाहौल की सब्जियां सड़कों के बंद होने के कारण मनाली के रास्ते शिमला नहीं पहुंच पा रही हैं. इसलिए इन सब्जियों को सड़क के रास्ते से लेह भेजा गया और वहां से दिल्ली हवाई रास्ते से पहुंचाया गया. फिर दिल्ली में सब्जियां शिमला आ रही हैं. यानी हिमाचल की ही सब्जियां डायरेक्ट शिमला न पहुंचकर दिल्ली होकर आ रही हैं. इससे कीमतों में और बढ़ोतरी हो गई है. अभी शिमला में फूलगोभी 200 रुपये किलो हो गया है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक,  न्यू शिमला के एक सब्जी विक्रेता, हरि कृष्ण राठौर ने कहा कि लाहौल की फूलगोभी शिमला में 200 रुपये किलो बिकी, क्योंकि वह लेह-दिल्ली होकर वापस हमारे बाजारों में आई. साथ ही चंडीगढ़ में भी सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए हैं. हरि कृष्ण का कहना है कि अगर दिल्ली और चंडीगढ़ से सब्जियां हिमाचल न आएं, तो यहां बाजारों में सब्जियां मिलना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि बारिश की मार से हिमाचल की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं. टमाटर तक 100 रुपये किलो बिके, हालांकि अब इनके दाम थोड़े कम हो रहे हैं.

मनाली-लाहौल के बीच सड़क संपर्क दोबारा शुरू

हालांकि, अब मनाली-लाहौल के बीच सड़क संपर्क दोबारा शुरू हो गया है, जिससे सब्जियों की आवाजाही आसान हो गई है, लेकिन दाम अभी भी काफी ज्यादा हैं. पिछले महीने जब हिमाचल के ज्यादातर इलाकों में सड़कें बंद थीं. तब लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने किसानों की सब्जियों को लेह से दिल्ली तक हवाई मार्ग से भेजने की व्यवस्था की थी. ये सब्जियां ज्यादातर विदेशी किस्म की थीं.

दिल्ली में सब्जियों को मिलते हैं अच्छे दाम

लिंडुर गांव के किसान बीर सिंह ने कहा कि उन्होंने 10 बीघा जमीन में फूलगोभी लगाई थी, लेकिन रास्ते बंद होने के कारण पूरी फसल खेत में ही बर्बाद हो गई. बीर सिंह जैसे कई किसानों को इस बार भारी नुकसान झेलना पड़ा है. सोलन के एक और सब्जी उगाने वाले किसान रमेश ठाकुर ने भी कहा कि इस सीजन में ज्यादातर किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है. पिछले महीने लाहौल की सब्जियां  मटर, ब्रोकली और आलू बरा लाचा-सरचू-लेह रास्ते से सड़क द्वारा लेह पहुंचाई गईं और फिर वहां से एयर कार्गो के जरिए दिल्ली भेजी गईं. लाहौल-स्पीति की ये सब्जियां अपनी बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जानी जाती हैं और दिल्ली जैसे बड़े बाजारों में अच्छे दाम मिलते हैं.