Pokka Boing: बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सहित पूरे देश में बारिश हो रही है. इससे धान की फसल को फायदा हो रहा है, लेकिन गन्ने की फसल को नुकसान भी पहुंच सकता है. क्योंकि बारिश के मौसम में गन्ने की फसल में कई तरह के कीटों के हमले बढ़ जाते हैं. खास कर बरसात के दौरान गन्ने के खेत में सफेद मक्खी, पोक्का बोइंग, जड़ बेधक, चोटी बेधक और रेट लाल जैसे कीटों की हमले बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है. इससे फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है. अगर आपके भी गन्ने के खेत में इन कीटों का प्रकोप है, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं. आप खास कीटनाशकों का छिड़काव कर फसल का इलाज कर सकते हैं. इससे गन्ने की ग्रोथ भी अच्छी होगी और पैदावार में भी इजाफा होगा.
हालांकि, एग्रीकल्चर एक्सपर्ट का कहना है कि गन्ने के खेतों में जरूरत से ज्यादा पानी का भराव नहीं होना चाहिए. इससे कीटों के जन्म लेने की आशंका बढ़ जाती है. अगर आपके खेतों में पानी है, तो उसे जल्द से जल्द बाहर निकालें. इसके लिए किसान पंप मशीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जब खेत पूरी तरह सूख जाएं, तो दो दिन बाद फसल पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर देना चाहिए, ताकि कीटों का असर कम हो सके.
इस कीटनाशक का करें छिड़काव
किसान कीटों से बचाव के लिए गन्ने के खेत में 2 ग्राम थायोफेनेट मिथाइल 70 WP या कार्बेन्डाजिम 50 को एक लीटर पानी में घोलकर गन्ने की जड़ों के पास ट्रेचिंग करें. इसके बाद 5 किलो NPK उर्वरक को 1000 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे मशीन से पूरे गन्ने के खेत में छिड़काव करें. इस उपाय से गन्ने में लगने वाले कीटों पर नियंत्रण पाया जा सकता है और फसल स्वस्थ बनी रहती है.
गन्ने की फसल में कीट नियंत्रण के साथ-साथ सिंचाई का भी खास ध्यान रखना जरूरी है. किसान हर 10 से 12 दिन के अंतराल पर फसल में सिंचाई करते रहें. सिंचाई के साथ-साथ खेत में खरपतवार (जंगली घास) की सफाई भी करते रहें, क्योंकि ज्यादा खरपतवार होने से गन्ने की बढ़त पर असर पड़ सकता है.
चोटी भेदक कीट को कैसे करें कंट्रो
वहीं, चोटी भेदक कीट को कंट्रोल करने के लिए 150 मिलीलीटर कोरजेन (Chlorantraniliprole 18.5% w/w) को 400 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार करें. फिर इस घोल को सूखे खेत में गन्ने के पौधों की जड़ों पर ड्रेंचिंग (धीरे-धीरे डालना) करें. ड्रेंचिंग के 24 घंटे बाद खेत में सिंचाई करें. इससे चोटी भेदक कीट का असरदार तरीके से नियंत्रण हो जाएगा.