Punjab News: पंजाब में इस साल बाढ़ और बारिश ने भारी तबाही मचाई. लाखों हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद हो गई. साथ ही हजारों हेक्टेयर जमीन पर रेत जम गया. इससे खेती करने लायक जमीन नहीं रही. लेकिन समाजसेवकों की मदद से 800 एकड़ खेतों से रेत को हटाया गया है. ऐसे में किसानों ने अपनी जमीन पर फिर से खेती शुरू कर दी है. फिलहाल किसान गेहूं की बुवाई कर रहे हैं. हालांकि, देर से बुवाई करने की वजह से पैदावार पर असर पर सकता है. लेकिन किसान मोहिंदर सिंह के अनुसार, अगर फार्म संगठन की मदद नहीं होती, तो किसानों की हालत बहुत खराब होती.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, फार्म संगठन ने सीमा पर लगभग 50 एकड़ जमीन भी समतल की है, जहां अब गेहूं बोया जा रहा है. कुल मिलाकर, फाजिल्का जिले के 14 सीमा गांवों में लगभग 800 एकड़ जमीन की देखभाल संगठन ने की है. संगठन ने कहा कि यह हमारे प्रयास का तीसरा चरण है, जिसमें हम उन किसानों की मदद कर रहे हैं जो पंजाब में दशकों में सबसे बुरी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए थे.
खेतों को समतल किया गया
BKU एकता उग्राहन के सचिव शिंगारा सिंह मान ने कहा कि पहले चरण में हमने प्रभावित लोगों की मदद के लिए जरूरी सामान पहुंचाया, जिनके पास खाना नहीं था और कई के पास रहने की जगह भी नहीं थी. दूसरे चरण में 80 ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर खेतों को समतल किया गया. अब तीसरे चरण में हमारे एक्टिविस्ट गेहूं बोने में लगे हैं और फाजिल्का में 800 एकड़ से अधिक में गेहूं बोया जा चुका है. इसी तरह अमृतसर और तरनतारन जिलों के गांवों में भी टीम काम कर रही है.
गेहूं बीज पर 2 करोड़ रुपये खर्च
उन्होंने कहा कि फार्म संगठन ने लगभग 2 करोड़ रुपये डीजल और गेहूं के बीज पर खर्च किए, जो दानदाताओं ने दिए थे. इसमें से अधिकांश राशि ट्रैक्टरों के लिए और गेहूं बोने में खर्च की गई. फाजिल्का में 4,700 बैग गेहूं के बीज (प्रत्येक 40 किलो, कीमत 1,250 रुपये प्रति बैग) वितरित किए गए, जिनमें 800 एकड़ में एक्टिविस्ट्स ने गेहूं बोया.
बाढ़ प्रभावितों के बीच पहुंचाई गई मदद
संगठन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहन ने कहा कि कई दानदाताओं ने नकद के अलावा बाढ़ प्रभावितों के लिए कई तरह की सामग्री भी दी. इसमें 25,000 से ज्यादा बैग गेहूं, 12,000 क्विंटल हरी चारा, 1,428 क्विंटल गोवंश के अचार, 5,575 बिस्तर, 7,896 कंबल, 27,238 महिलाओं के सूट, 2,898 पुरुषों के सूट (पैंट और शर्ट), साथ ही ऊनी कपड़े और जूते शामिल थे. यह मदद फाजिल्का, फरीदकोट, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, तरनतारन और लुधियाना जिलों के जरूरतमंद लोगों को दी गई.