इस वजह से धान में फैल रही SRBSDV बीमारी, वैज्ञानिकों ने दी इन दवाओं का छिड़काव करने की सलाह

पंजाब के लुधियाना में इस साल धान की फसल पर SRBSDV वायरस का बड़ा असर देखा गया है. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 का मौसम 2022 जैसा रहा, जिससे यह वायरस दोबारा फैल गया.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 13 Aug, 2025 | 02:27 PM

पंजाब के लुधियाना में इस साल धान की फसल में सदर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस (SRBSDV) नामक बीमारी का असर कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है. इससे फसलों की बहुत अधिक बर्बादी हो रही है. लेकिन इस बीमारी के फैलने की असली वजह भी सामने आ गई है. कहा जा रहा है कि इस बीमारी का सीधा संबंध मौसम में हो रहे बदलाव से है. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में बारिश, तापमान और धूप का पैटर्न बिल्कुल 2022 जैसा रहा. यही वजह है कि इस बार भी 2022 की तरह यह वायरस बड़े पैमाने पर फैला.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वायरस व्हाइट-बैक्ड प्लैनहॉपर (WBPH) नाम के कीट से फैलता है. इससे पौधों की बढ़त रुक जाती है, कल्ले नहीं निकलते हैं. साथ ही जड़ें कमजोर होती हैं और पत्तियां पतली व सीधी हो जाती हैं. कई बार तो पौधे समय पर पकते ही नहीं, जिससे पैदावार का भारी नुकसान होता है.

इस वजह से फैल रही है बीमारी

PAU के कुलपति डॉ. एसएस गोसल ने कहा कि हम यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि यह बीमारी 2022 और फिर 2025 में ही क्यों फैली, जबकि बीच के दो साल शांति से गुजरे. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा कारण एक जैसा मौसम रहा. डॉ. गोसल ने कहा कि जलवायु का फसलों की सेहत पर गहरा असर पड़ता है. तापमान या बारिश में हल्का सा बदलाव भी कीटों के प्रवास, बीमारियों के फैलाव और उत्पादन पर असर डाल सकता है. SRBSDV वायरस खास किस्म के मौसम में ज्यादा तेजी से फैलता है, इसलिए मौसम इसकी बढ़त का अहम कारण बनता है.

अगस्त में 20 जिलों में किए गए सर्वे

PAU द्वारा जुलाई और अगस्त में 20 जिलों में किए गए सर्वे में पाया गया कि यह वायरस पहाड़ी इलाकों के आसपास जैसे पठानकोट, गुरदासपुर, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला में देखा गया. फील्ड सर्वे में यह भी सामने आया कि संक्रमण का बड़ा कारण समय से पहले रोपाई था. जो फसलें 20 जून से पहले रोपी गईं, वे ज्यादा प्रभावित हुईं, जबकि 25 जून के बाद की रोपाई में वायरस का असर काफी कम देखा गया.

किसान इन दवाओं का करें इस्तेमाल

SRBSDV वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) ने कीट नियंत्रण से जुड़ी जरूरी गाइडलाइंस जारी की हैं. किसानों को सलाह दी गई है कि वे व्हाइट-बैक्ड प्लैनहॉपर (WBPH) कीट की निगरानी करें और केवल अनुशंसित कीटनाशकों का ही इस्तेमाल करें. जैसे – Pexalon, Ulala, Osheen, Imagine, Orchestra और Chess. इन दवाओं को तय मात्रा और पानी की सही मात्रा के साथ ही छिड़कें.

 

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Published: 13 Aug, 2025 | 02:20 PM

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