Himachal Pradesh Agriculture News: हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें लोन लेने के लिए बैंकों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा. उन्हें कम ब्याज दर पर आसानी से कृषि लोन मिल पाएगा. क्योंकि कृषि मंत्री प्रो. चंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश के किसानों को एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) योजना का अधिकतम लाभ दिलाने के निर्देश दिया है. इस योजना के तहत किसानों को सिर्फ 6 फीसदी ब्याज दर पर ऋण मिल सकता है, जिससे उनकी आय और आजीविका में सुधार होगा. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से किसानों को बहुत अधिक फायदा होगा. वे लोन की राशि से समय पर फसलों की बुवाई कर पाएंगे.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पालमपुर में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो. कुमार ने कृषि अधिकारियों से कहा कि वे योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बैंकों के साथ तालमेल मजबूत करें. उन्होंने सभी ब्लॉकों में जागरूकता शिविर लगाने के निर्देश भी दिए, ताकि किसानों को AIF योजना की पूरी जानकारी मिल सके.
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6 फीसदी ब्याज पर मिलेगा लोन
किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे 2 करोड़ रुपये तक का ऋण, 6 फीसदी ब्याज दर पर, 7 साल की अवधि के लिए ले सकते हैं, जिससे उनकी खेती से जुड़ी गतिविधियों को सहयोग मिलेगा. उन्होंने कहा कि कृषि देश का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है और हिमाचल की विशिष्ट जलवायु को ध्यान में रखते हुए स्थानीय जरूरतों के अनुसार नई कृषि नीतियां बनानी जरूरी हैं.
कार्यक्रम में मंत्री ने प्रगतिशील किसानों से बातचीत की और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए. वहीं, कृषि सचिव सी. पलरासु ने विभाग की योजनाओं और लक्ष्यों की जानकारी दी और बैंक व कृषि अधिकारियों से साझा प्रयासों के माध्यम से बेहतर परिणाम हासिल करने की अपील की. कृषि निदेशक डॉ. रविंदर सिंह जसरोतिया ने राज्य सरकार और मंत्री का सम्मेलन आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि AIF योजना का प्रभावी क्रियान्वयन कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकता है.
925 करोड़ रुपये आवंटित किए गए
उन्होंने मंत्री को कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस फंड के तहत 925 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. अब तक 599 आवेदन आए हैं, जिनमें से 438 का सत्यापन हो चुका है. बैंकों ने 324 आवेदन मंजूर किए हैं, जिनकी कुल राशि 221 करोड़ रुपये है और अब तक 67 करोड़ रुपये लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं. इस कार्यक्रम में डॉ. राहुल कटोच, कांगड़ा जोन के अतिरिक्त निदेशक, के साथ कृषि और पशुपालन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और कई प्रगतिशील किसान भी शामिल हुए.