खेती में एकसाथ कई फसलें करने की तरकीब बढ़ा रही कमाई, ऐसे लाभ उठाएं किसान

कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो एक ही खेत में कई फसलें लगाना किसान और फसल दोनों के लिए फायदेमंद होता है. ऐसा करने से खेत मफसलों को अलग-अलग पोषक तत्व मिलते हैं और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 30 Apr, 2025 | 08:00 AM

कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो एक ही खेत में कई फसलें लगाना जिसे अंग्रेजी में इंटरक्रॉपिंग कहते हैं, किसान और फसल दोनों के लिए फायदेमंद होता है. ऐसा करने से खेत मफसलों को अलग-अलग पोषक तत्व मिलते हैं और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है. दूसरी तरफ किसानों को भी दोगुना मुनाफा होता है , उनकी कमाई में भी बढ़ोतरी होती है. तो चलिए इस खबर में बात कर लेते हैं कि कैसे आप मखाने की खेती के साथ-साथ सिंघाड़ा और बरसीम की भी खेती कर सकते हैं.साथ ही इसकी खेती के क्या फायदे हैं.

मखाने के साथ करें सिंघाड़े की खेती

एक ही खेत या तालाब में मखाने के साथ सिंघाड़े की भी खेती की जा सकती है. किसानों के लिहाज से यह अच्छा है क्योंकि उनकी कमाई दोगुनी हो जाती है अगर फसल सही ढंग से लगाई जाए तो. मखाना और सिंघाड़े की खेती एक साथ करने के लिए मखाने के पौधे लगाने से पहले आपको तालाब की घास को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए. इसके साथ ही मखाने की फसल को कुछ -कुछ दूरी पर लगाना चाहिए. मखाने की फसल को लगाने के बाद तालाब में सिंघाड़े की फसल लगानी चाहिए. दरअसल, मखाने की फसलों में दूरी होने से सिंघाड़े की फसल तोड़ने में आसानी होती है क्योंकि सिंघाड़े की फसल की साल में चार बार तुड़ाई की जाती है.

एक ही खेत में करें बरसीम की खेती

आप चाहें तो मखाने के साथ-साथ खेत या तालाब में बरसीम यानी चारा भी उगा सकते हैं. दरअसल, मखाने की खेती के बाद जब फसल बनकर तैयार होती है तो उसकी कटाई के बाद खेत या तालाब 4 से 5 महीने के लिए खाली होता है. इस समय पर आप अपने पशुओं के चारे के लिए बरसीम की खेती कर सकते हैं क्योंकि मखाने की खेती के बाद किसानों को बरसीम की खेती करने के लिए खेतों में अधिक कुछ करने की जरूरत नहीं होती है.मखाने की कटाई के बाद जब खेत सूख जाए तो उसकी जुताई कर उसमें आसानी से बरसीम की खेती की जा सकती है.

क्या हैं एक साथ फसल लगाने के फायदे

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार एक साथ कई फसलों को लगाने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है. साथ ही फसलों को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं. किसान की मेहनत और लागत में ते कमी आती है लेकिन उसकी कमाई में बढोतरी होती है. कई फसलों के एकसाथ उत्पादन से किसानों की आय 2 से 3 गुना बढ़ जाती है.

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Published: 30 Apr, 2025 | 08:00 AM

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