सरकारी योजनाओं से बदलेगा खेती का भविष्य, अब तीन गुना होगी किसानों की आमदनी

सरकार ने किसानों की आय तीन गुना करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. एफपीओ गठन, डिजिटल मार्केटिंग, गोबर निर्यात, सब्सिडी और माइक्रोग्रीन फसलों जैसी योजनाएं लागू कर खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में काम हो रहा है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 1 Aug, 2025 | 02:42 PM

भारत सरकार खेती को घाटे का सौदा नहीं, बल्कि फायदे का व्यवसाय बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उनकी आय को दो से तीन गुना बढ़ाने के लिए देशभर में योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है. अब यह काम सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर रणनीति के तहत इन योजनाओं को लागू किया जा रहा है. किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए संबंधित विभागों को जिम्मेदारियां दी गई हैं.

एफपीओ: मिलकर खेती, मिलकर मुनाफा

सरकार किसानों को संगठित करने के लिए एफपीओ (Farmer Producer Organisation)  बना रही है. इससे किसान सामूहिक रूप से खेती, फसल की खरीद, भंडारण और बिक्री कर सकेंगे. इसका बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों को बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा और उन्हें उचित दाम मिलेंगे। एफपीओ के जरिए किसान बाजार की मांग को समझ सकेंगे और वैज्ञानिक तरीके से उत्पादन कर सकेंगे.

डिजिटल मार्केटिंग से बढ़ेगी कमाई

अब किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों में भटकना नहीं पड़ेगा. सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फसलों की ऑनलाइन बिक्री का विकल्प उपलब्ध करा रही है. इससे किसान सीधे खरीदार से जुड़ सकेंगे और उन्हें बेहतर दाम मिल सकेंगे. डिजिटल मार्केटिंग से मूल्य पारदर्शिता भी आएगी और किसान को सही समय पर सही जानकारी मिलेगी.

गोबर और जैविक खाद से भी होगी कमाई

पशुपालन से मिलने वाले गोबर को अब बेकार नहीं समझा जाएगा. सरकार इसे प्रोसेस कर जैविक खाद के रूप में उपयोग में लाएगी और निर्यात भी किया जाएगा. इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी का साधन मिलेगा। साथ ही, रासायनिक खाद की निर्भरता कम होगी और खेती अधिक टिकाऊ व लाभदायक बनेगी.

सब्सिडी योजनाओं से घटेगा खर्च, बढ़ेगा लाभ

सरकार किसानों को खेती के हर जरूरी साधन पर सब्सिडी दे रही है. चाहे वह बीज हो, खाद हो, सिंचाई के साधन या कृषि यंत्र, हर चीज पर किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है. इससे उनकी उत्पादन लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा. जो किसान आधुनिक यंत्रों का प्रयोग नहीं कर पा रहे थे, वे अब इन योजनाओं के सहारे तकनीक से जुड़ पा रहे हैं.

प्रशिक्षण और गोष्ठियों से होगा जागरूकता का विस्तार

जिला और पंचायत स्तर पर किसान गोष्ठियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसमें कृषि विशेषज्ञ, निजी कंपनियां और सरकारी विभाग मिलकर किसानों को नई तकनीकें सिखा रहे हैं. किसानों को यह बताया जा रहा है कि कैसे वे बाजार की मांग के अनुसार फसल उत्पादन करें, किस फसल में ज्यादा मुनाफा है, और कौन-कौन सी सरकारी योजनाएं उनके लिए लाभकारी हैं.

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