Madhya Pradesh News: देश के कई राज्यों में किसानों को खाद की समस्या से गुजरना पड़ रहा है. कहीं मिलावटी उर्वरक तो कहीं खाद की कमी की खबरें आ रही हैं. इसी बीच मध्य प्रदेश के रायसेन जिला स्थित बेगमगंज में खाद की समस्या को लेकर किसान उग्र हो गए हैं. नाराज किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क जाम कर दिया. इससे कई घंटों तक यातायात प्रभावित रहा. हालांकि, मौके पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने किसानों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने की कोशिश की.
किसानों ने क्यों किया चक्काजाम
किसानों का कहना है कि जब उनकी फसल के लिए जरूरी खाद और यूरिया नहीं मिलता, तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इस बार भी कई किसानों ने शिकायत की कि उन्हें समय पर खाद नहीं मिली. कुछ किसानों का कहना है कि जो खाद मिली उसमें मिलावट की भी शिकायत है. ऐसे में किसानों ने फैसला किया कि वे अपनी आवाज उठाने के लिए सड़क पर उतरेंगे. कृषि उपज मंडी के सामने चक्काजाम कर किसानों ने अपनी नाराजगी जताई. किसानों ने बताया कि पिछले कई हफ्तों से खाद और यूरिया की कमी बनी हुई है. सरकार और संबंधित विभाग से बार-बार शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ. यही कारण है कि किसान मजबूरी में सड़क पर उतर आए और चक्काजाम करने को मजबूर हुए.
कांग्रेस नेता भी प्रदर्शन में शामिल
किसानों के इस चक्काजाम में कांग्रेस नेता राजेंद्र तोमर भी मौजूद रहे. उन्होंने किसानों के साथ खड़े होकर प्रशासन से समाधान की मांग की. राजेंद्र तोमर ने कहा कि किसानों की आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और सरकार को तुरंत खाद और यूरिया की समस्या का समाधान करना चाहिए. कांग्रेस नेता का समर्थन किसानों के लिए मानसिक सहारा भी बन रहा है. उनका कहना था कि केवल प्रदर्शन से ही नहीं, बल्कि प्रशासन के साथ बातचीत करके भी किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए.
प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी
वहीं, पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा नहीं होने दी जाएगी. स्थानीय अधिकारियों ने किसानों से कहा कि वे अपनी शिकायतों के दस्तावेज साथ लेकर प्रशासन कार्यालय में जमा कराएं, ताकि समस्या का समाधान जल्दी किया जा सके. प्रशासन का कहना है कि वे किसानों की समस्याओं को गंभीरता से देख रहे हैं और जल्द ही खाद और यूरिया की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी.
यातायात पर पड़ा असर
किसानों के चक्काजाम के कारण भोपाल-सागर मार्ग पर दोनों तरफ लंबी-लंबी वाहनों की कतारें लग गई हैं. लोग घंटों जाम में फंसकर परेशान हैं. वाहन चालकों ने कहा कि उन्हें रोजमर्रा की जरूरत के लिए यह मार्ग इस्तेमाल करना होता है, लेकिन किसानों के प्रदर्शन की वजह से उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा. हालांकि किसानों का कहना है कि उनका मकसद किसी को परेशान करना नहीं है, बल्कि सिर्फ अपनी आवाज पहुंचाना है. प्रशासन और पुलिस ने जाम में फंसे लोगों को वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करने की सलाह दी.
किसानों की मांग और आगे की योजना
किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें समय पर और सही गुणवत्ता वाली खाद और यूरिया मिलनी चाहिए. वे प्रशासन से यह भी चाहते हैं कि भविष्य में इस तरह की समस्या न आए. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो वे फिर से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर सकते हैं. उनका कहना है कि कृषि उनके जीवन का आधार है और खेती के लिए जरूरी संसाधन नहीं मिलने पर उनका नुकसान बढ़ता है. यह चक्काजाम यह साफ कर रहा है कि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. प्रशासन और सरकार के लिए यह चुनौती है कि वे किसानों की शिकायतों का त्वरित और स्थायी समाधान करें.