छोटे किसानों को कृषि तकनीक का लाभ देना जरूरी, खेती के भले के लिए केमिकल खाद का यूज रोकना होगा

शिवराज सिंह ने चिंता भरे स्वर में कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर का ऐसा ही प्रयोग होता रहा तो आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा. भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण और धरती को सुरक्षित रखने की तरफ ध्यान देना होगा. उन्होंने स्वागत सत्कार में किए जा रहे विभागीय खर्चे पर चिंता जताई और शाल, श्रीफल, गुलदस्ता या उपहार पर खर्च कम करने के निर्देश दिए.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 24 Nov, 2025 | 01:35 PM

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को कृषि तकनीक का लाभ देना जरूरी है, ताकि उनकी कृषि लागत घटाकर उपज बढ़ाई जा सके. इससे उनका मुनाफा बढ़ेगा और वह खेती के आधुनिक तरीकों पर शिफ्ट हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि  खेती के भले के लिए केमिकल खाद का इस्तेमाल रोकना होगा, नहीं तो अगली पीढ़ियों के लिए उपजाऊ मिट्टी नहीं बचेगी.  कृषि वैज्ञानिक समस्याओं का व्यवहारिक समाधान निकालते हुए इंटीग्रेटेड फार्मिंग को प्रोत्साहन दें.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में छठा अंतर्राष्ट्रीय सस्य विज्ञान कांग्रेस (IAC–2025) आज नई दिल्ली के पूसा परिसर में शुरू हुआ. यह तीन दिवसीय वैश्विक कार्यक्रम 26 नवंबर तक चलेगा. शिवराज सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे ऐसा अनुसंधान करें, जिससे आम किसानों को उसका लाभ मिलें. पोषणयुक्त खाद्यान्न की उपलब्धता के साथ किसानों की आजीविका सुरक्षित करने की जरूरत बताते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि आज प्राकृतिक खेती को बढ़ाना आवश्यक है, हम सबको चिंता करना जरूरी है कि ये धरती कैसी सुरक्षित रहें. कृषि में विज्ञान के माध्यम से हमने खाद्यान्न उत्पादन में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, परंतु छोटी जोत के किसानों की आजीविका सुनिश्चित करने हेतु चिंतन करने की आवश्यकता है.

मौसम और वायरस अटैक से नुकसान से बचाने पर कृषि वैज्ञानिक विचार करें

कृषि मंत्री ने कहा कि खराब बीज व मिलावटी इनपुट किसानों को बहुत नुकसान करते हैं, साथ ही मौसम की मार से उत्पाद की गुणवत्ता खराब हो जाती है. बदलती जलवायु परिस्थितियों के अनुसार समाधान देने की जरूरत है. साथ ही, दलहन और तिलहन उत्पादक बढ़ाने का समाधान देने की आवश्यकता है, अनुसंधान को सदृढ़ करने पर विचार करने की आवश्यकता है. दलहनों में वायरस अटैक से नुकसान होता है, उस पर भी कृषि वैज्ञानिक विचार करें.

डीएसआर, ड्रोन समेत अन्य तकनीकों की सटीक जानकारी किसानों तक पहुंचाएं

शिवराज सिंह ने कहा कि जैविक कार्बन, सूक्ष्म पोषक तत्व की मृदा में निरंतर कमी हो रही है. डायरेक्ट सीडेड राइस में समस्याएं आ रही है, उसमें मैकेनाइजेशन की आवश्यकता है. कार्बन क्रेडिट का लाभ किसानों को मिले, इसको कैसे सुनिश्चित करें, यह भी वैज्ञानिक देखें. कम पानी में खेती, ड्रोन का उपयोग, स्मार्ट कृषि, AI, मशीन लर्निंग में छोटा और सीमांत किसान कैसे लाभ ले सकता है, इस पर सरकार और वैज्ञानिकों को साथ मिलकर काम करना है. शिवराज सिंह ने कहा कि पेपर लिखने पर रिसर्च करने से आगे बढ़कर किसान के लिए भी काम करना है. कृषि उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने की भी जरुरत है.

46 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है, इसलिए खेती करने वालों की आय बढ़ानी ही होगी

शिवराज सिंह ने कहा कि एग्रोनॉमी केवल मनुष्य मात्र की चिंता के लिए न होकर सभी जीवों, एवं प्रकृति के लिए अध्ययन करने की आवश्यकता है. समाधान ही समस्या न बन जाए, इसके लिए किसान और वैज्ञानिकों को मिलकर काम करने की नितांत आवश्यकता है. केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि देश में 46% आबादी खेती पर निर्भर है, उनकी आय बढ़ाने के लिए देश प्रतिबद्ध है.

केमिकल खाद के इस्तेमाल रोकना होगा नहीं तो अगली पीढ़ियों के लिए उपजाऊ मिट्टी नहीं बचेगी

शिवराज सिंह ने चिंता भरे स्वर में कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर का ऐसा ही प्रयोग होता रहा तो आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा. भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण और धरती को सुरक्षित रखने की तरफ ध्यान देना होगा. शिवराज सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सभी जीवों में समान चेतनाएं मानी गई है, वृक्ष और नदियां भी पूजनीय हैं, इनके बिना हमारा अस्तित्व नहीं है, हमें सभी जीवों और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना है. कृषि वैज्ञानिक किसानों की समस्याओं का व्यवहारिक समाधान निकालते हुए इंटीग्रेटेड फार्मिंग को प्रोत्साहन दें. शिवराज सिंह ने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को नई टेक्नोलॉजी का सही अर्थों में लाभ मिलना सुनिश्चित करना चाहिए.

शाल, श्रीफल, गुलदस्ता या उपहार पर खर्च कम करने के निर्देश

कृषि मंत्री ने कहा कि छठी कृषि विज्ञान कांग्रेस की जो भी रिकमेंडेशन आएगी, उनको देश के नीति निर्धारण में शामिल करने पर कार्य किया जाएगा. उन्होंने कहा कि व्यर्थ के खर्च रोकने के लिए बड़ी पहल करते हुए कहा कि हम एक परिवार के सदस्य है, कोई चीफ गेस्ट नहीं है, स्वागत- सत्कार पर पैसे खर्च करना बंद करें. विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि हम आज से ही यह नियम बना ले कि विभाग के अंदर कोई शाल, श्रीफल, गुलदस्ता या उपहार नहीं दिया जाएगा.

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