खाद की किल्लत.. कल आने को कहने पर भड़के किसान, आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों का प्रदर्शन-नारेबाजी

किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. सुबह उनको अगले दिन आने के लिए कह कर वापस भेज दिया जाता है, लेकिन शाम पांच बजे के बाद खाद के स्टॉक को दाएं बाएं किया जा रहा है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 13 Aug, 2025 | 03:17 PM

लगता है खाद की समस्या किसानों के साथ साए की तरह चिपक गई है. चाहे रबी फसल की बुवाई की बात हो या फिर खरीफ फसलों में यूरिया खाद डालने की. किसानों को दोनों सीजनों में खाद की समस्या से जूझना पड़ता है. फिलहाल हरियाणा के भिवानी जिला में यूरिया खाद के लिए जबरदस्त मारामारी मची हुई है. किसानों को सुबह लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है. इस तरह का वाक्य पिछले दो सप्ताह से बना हुआ है.

यूरिया और डीएपी खाद के लिए भिवानी जिले के गांव दिनोद व सिरसा घोघड़ा के किसान अनाज मंडी में पहुंचे. अल सुबह करीब दो सौ पांच किसान मौजूद थे. चूंकि सभी खाद लेने वाले किसानों ने अपने हस्ताक्षरयुक्त कागजात तैयार किया था. ताकि, उपायुक्त को ज्ञापन के साथ दिया जा सके. किसानों ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से खाद के लिए लगातार अनाजमंडी स्थित सरकारी खाद की दुकान पर पहुंच रहे है, लेकिन उनको खाद नहीं मिल पा रही है. सुबह उनको अगले दिन आने के लिए कह कर वापस भेज दिया जाता है, लेकिन शाम पांच बजे के बाद खाद के स्टॉक को दाएं बाएं किया जा रहा है.

100 किसानों को लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिली खाद

किसानों ने निजी दुकानदारों को भी खाद देने का आरोप लगाया. अगर वे निजी दुकानदारों के पास खाद के लिए जाते है तो उनको यूरिया व डीएपी खाद के साथ अन्य सामान बेच रहे हैं. उस सामान की उनको कोई जरूरत ही नहीं है. ऐसे में उन पर दोहरी मार पड़ रही है. दो दिन पहले गांव लोहारी जाटू में यूरिया खाद का स्टॉक पहुंचा था. कल किसी कारणवश खाद वितरित नहीं हो पाई. आज पैक्स में खाद वितरण का कार्य शुरू होने वाला था. खाद के लिए किसान सुबह पांच बजे पैक्स के दरवाजे पर पहुंच गए. पैक्स संचालक के पहुंचने से पहले ही करीब 100 किसान लाइनों में खड़े हो गए. करीब सात बजे पैक्स संचालक सोसायटी में पहुंचे तो और वितरण का कार्य शुरू होने वाला था कि कुछ किसानों ने अपनी बारी पहले बता कर हंगामा करना आरंभ कर दिया.

कुछ देर तक खाद के लिए पर्ची काटनी शुरू की, लेकिन लाइनों में खड़े किसानों ने विरोध कर दिया. इस वजह से किसान लाइन तोडकर काउंटर पर खड़े हो गए. उसके बाद पैक्स संचालक ने खाद वितरण करना बंद कर दिया. करीब आधे घंटे तक किसानों ने जमकर बवाल किया. बाद में अगले दिन बुधवार को खाद वितरण करने पर सहमति बनी. उसके बाद सुबह पांच बजे से लाइनों में खड़े किसानों को बिना खाद लिए ही वापस लौटना पड़ा. यूरिया खाद की मांग को लेकर आधा दर्जन गांव के किसान उपायुक्त से मिले. किसानों ने उपायुक्त से पर्याप्त यूरिया व डीएपी खाद दिलाए जाने की मांग की. इस दौरान किसानों ने नारेबाजी की.

विक्रेता कहते हैं- खाद आज नहीं कल बांटी जाएगी

किसानों ने बताया कि वे यूरिया व डीएपी खाद के लिए रोजाना भिवानी सुबह पांच बजे पहुंच रहे है. घंटो लाइनों में खड़े होते है, लेकिन उनको यह कह कर वापस भेज दिया जाता है कि खाद आज नहीं कल बांटी जाएगी. इस तरह के आश्वासन मिलते हुए दो सप्ताह से अधिक का समय निकल गया, लेकिन उनको खाद नहीं मिल पाई है. खाद न मिलने से उनके खेतों खरीफ की फसल पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. फसलों में फुटाव रूक गया. अगर यही हाल रहा तो फसलों की औसतन पैदावार में काफी कमी आएगी.

गांव दिनोद के किसान विनोद कुमार व लोहानी के किसान जयभगवान शर्मा ने बताया कि अगर इस वक्त खरीफ की फसल में यूरिया खाद नहीं डाली गई तो उस फसल में फुटाव व उसका बढवार पूरी तरह से रूक जाएगा. जिसका सीधा असर उसकी औसतन पैदावार पर पड़ेगा. इसी तरह गांव सिरसा घोघड़ा के किसान मनोज कुमार ने बताया कि उनको न तो यूरिया खाद मिल रही और न ही डीएपी खाद मिल पाई है. खाद न मिलने से फसलों की बढवार रूक गई है. उन्होंने कपास, धान या कोई सब्जी वाली फसल की बिजाई करनी है तो उसके लिए डीएपी खाद की जरूरत होती है.

अगर डीएपी खाद नहीं डाली जाती तो उस फसल की औसतन पैदावार बेहद कम हो जाती है. उन्होंने उपायुक्त से उनको पर्याप्त डीएपी व यूरिया खाद उपलब्ध करवाए जाने की मांग की.

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Published: 13 Aug, 2025 | 03:09 PM

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