छोटे प्याज से निराश? किसान अब सीखें खेत में बड़े और स्वस्थ प्याज उगाने का तरीका

प्याज की कटाई तभी करें जब पत्तियां पीली होकर नीचे गिरने लगें और उनका ऊपरी हिस्सा सूख जाए. जल्दी कटाई करने से प्याज छोटा रहेगा और देर से कटाई करने पर फसल फट सकती है या खराब हो सकती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 11 Sep, 2025 | 09:28 AM

प्याज किसानों के लिए सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि उनकी मेहनत और आय का बड़ा स्रोत है. बाजार में अच्छे दाम पाने के लिए प्याज का आकार और गुणवत्ता बहुत मायने रखती है. अक्सर छोटे और कमजोर प्याज का मूल्य कम होता है, जिससे किसान की मेहनत का फल कम हो जाता है. अगर आप चाहते हैं कि आपके खेत में बड़े, मजबूत और स्वस्थ प्याज उगें, तो कुछ महत्वपूर्ण कदम अपनाना जरूरी है.

सही किस्म का चुनाव करें

बड़े और मजबूत प्याज के लिए सबसे पहला कदम है सही किस्म का चयन. कुछ किस्में जैसे ‘ऐल्सा क्रेग‘ (Ailsa Craig) और ‘केल्से‘ (Kelsae) विशेष रूप से बड़े बल्ब और अच्छी ग्रोथ के लिए जानी जाती हैं. इन किस्मों के बल्ब मोटे और बाजार में उच्च मूल्य वाले होते हैं. अपनी मिट्टी और जलवायु के अनुसार किस्म चुनना फसल की सफलता के लिए अहम है.

समय पर बुवाई जरूरी

प्याज की बुवाई का समय इसकी वृद्धि और बल्ब के आकार को प्रभावित करता है. उत्तर भारत में आमतौर पर जनवरी और फरवरी के बीच बुवाई सबसे सही मानी जाती है. मिट्टी में नमी बनी हो और ठंडी सर्दी थोड़ी कम हो, तभी बुवाई करनी चाहिए. समय से पहले या देर से बुवाई करने पर प्याज छोटे या कमजोर हो सकते हैं.

उर्वरक और मिट्टी की तैयारी

प्याज को उपजाऊ मिट्टी और सही पोषण की जरूरत होती है. खेत की जुताई के समय अच्छी मात्रा में गोबर की खाद या सड़ी हुई कंपोस्ट डालें. प्याज को अधिक नाइट्रोजन वाली खाद पसंद नहीं है, लेकिन फॉस्फोरस और पोटाश के उपयोग से बल्ब बढ़ता है और मजबूत बनता है.

सिंचाई का सही तरीका अपनाएं

प्याज की फसल को नियमित और संतुलित मात्रा में पानी चाहिए. ज्यादा पानी देने से बल्ब सड़ सकते हैं और कम पानी से उनकी वृद्धि रुक सकती है. गर्मियों में 7-10 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई करें. बारिश के मौसम में जलजमाव से बचाना भी जरूरी है, अन्यथा प्याज की जड़ें सड़ सकती हैं.

खरपतवार हटाएं और मल्चिंग करें

खरपतवार पौधों का पोषण चुरा लेते हैं और बल्ब सही आकार में नहीं बन पाते. इसलिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें. आप मल्चिंग (पुआल या प्लास्टिक शीट) का इस्तेमाल करके मिट्टी को ढक सकते हैं, जिससे न केवल खरपतवार कम होंगे बल्कि मिट्टी की नमी भी बनी रहेगी.

पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखें

बीज से उगाए जाने वाले प्याज के पौधों को जब वे थोड़े बड़े हो जाएं, तो उन्हें सही दूरी पर छांटना जरूरी है. प्रत्येक पौधे को कम से कम 10 सेंटीमीटर जगह दें. इससे बल्ब फैलने और अच्छे आकार में बनने का मौका मिलेगा.

सही समय पर कटाई करें

प्याज की कटाई तभी करें जब पत्तियां पीली होकर नीचे गिरने लगें और उनका ऊपरी हिस्सा सूख जाए. जल्दी कटाई करने से प्याज छोटा रहेगा और देर से कटाई करने पर फसल फट सकती है या खराब हो सकती है. कटाई के बाद प्याज को छांव में कुछ दिन सुखाकर भंडारण करें.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?