खापली या शरबती…रोटी के लिए कौन-सा आटा बेहतर? जानें पोषण, स्वाद और फायदे

आजकल दो आटे सबसे ज्यादा चर्चा में हैं—खापली आटा और शरबती आटा. अगर आप स्वास्थ्य और पाचन को प्राथमिकता देते हैं, तो खापली आटा आपके लिए बेहतर है. वहीं अगर आपको नरम और स्वादिष्ट रोटियां पसंद हैं, तो शरबती आटा आपकी पसंद बन सकता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 8 Dec, 2025 | 10:57 AM

भारतीय रसोई में आटा सिर्फ रोटी बनाने की चीज नहीं, बल्कि हमारे भोजन का आधार होता है. हर घर की रोटी का स्वाद, मुलायमियत और पोषण इसी बात पर निर्भर करता है कि कौन-सा आटा इस्तेमाल हो रहा है. आजकल दो आटे सबसे ज्यादा चर्चा में हैंखापली आटा और शरबती आटा. दोनों की अपनी-अपनी खासियत है, लेकिन इनके बीच फर्क क्या है? किसे चुनना आपके लिए बेहतर होगा? आइए समझते हैं.

खापली और शरबती-क्या है इसकी खासियत?

खापली गेहूं, जिसे एमर व्हीट भी कहा जाता है, दुनिया की सबसे पुरानी गेहूं किस्मों में से एक है. इसकी बनावट देसी, रस्टिक और भारी होती है. इसमें ग्लूटेन बहुत कम और कड़ा होता है, इसलिए कई लोगों को यह आम गेहूं की तुलना में हल्का लगता है.

शरबती गेहूं, मध्य प्रदेश के सीहोर-विदिशा इलाके की खास पहचान है. यह आधुनिक गेहूं की एक प्रीमियम किस्म है. इसका दाना बड़ा, मोटा और हल्का मीठा होता है. यह वही आटा है जिससे नरम, मुलायम और फूली हुई रोटियां बनती हैं.

पोषण और स्वास्थ्य पर असर

खापली आटा पोषक तत्वों का खजाना है. इसमें फाइबर की मात्रा काफी अधिक होती है, साथ ही मैग्नीशियम और आयरन जैसे मिनरल भी भरपूर मिलते हैं. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, यानी यह खून में शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है. इसलिए डायबिटीज, पाचन की समस्या या वजन नियंत्रित रखने वालों के लिए खापली आटा फायदे का सौदा है. कई लोग जो सामान्य गेहूं खाने के बाद भारीपन महसूस करते हैं, वे खापली आटे को हल्का और आरामदायक पाते हैं.

शरबती आटा भी पौष्टिक होता है, लेकिन इसका मुख्य गुण है इसका स्वाद और नरम बनावट. इसमें प्रोटीन और मिनरल मौजूद होते हैं, लेकिन यह लो-जीआई अनाज नहीं माना जाता. यह उन लोगों के लिए सही है जो रोजमर्रा का आटा चाहते हैं, लेकिन स्वाद और नरमी में कोई समझौता नहीं करना चाहते.

रोटी का स्वाद और बनावट

जब बात रोटी की हो, तो दोनों आटे का फर्क साफ दिखता है. खापली आटे की रोटियां थोड़ी भारी और देसी स्वाद वाली होती हैं. इसमें एक हल्का नटी फ्लेवर आता है, जो पारंपरिक अनाज का एहसास दिलाता है. हालांकि ये रोटियां बहुत मुलायम नहीं होतीं, लेकिन पौष्टिक जरूर होती हैं.

शरबती आटे की रोटियां बेहद मुलायम, हल्की मीठी और फूली हुई बनती हैं. यह आटा पानी को अच्छी तरह सोखता है, इसलिए रोटियां लंबे समय तक नरम रहती हैं. घर के बने फुल्के, पराठे या पतली रोटियां सबमें यह आटा कमाल करता है.

कौन-सा आटा आपके लिए सही?

यह चुनाव पूरी तरह आपकी जरूरत और पसंद पर निर्भर करता है. अगर आप स्वास्थ्य और पाचन को प्राथमिकता देते हैं, तो खापली आटा आपके लिए बेहतर है. वहीं अगर आपको नरम और स्वादिष्ट रोटियां पसंद हैं, तो शरबती आटा आपकी पसंद बन सकता है. कुछ लोग अपनी डाइट में दोनों आटे को मिलाकर इस्तेमाल करते हैं, जिससे रोटियां भी नरम बनती हैं और पोषण भी बढ़ता है.

आपके शरीर के लिए क्या सही है, वही चुनें

खापली और शरबती आटा एक-दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि अलग-अलग जरूरतों के साथी हैं. असल मायने यह रखते हैं कि भोजन करने के बाद आपका शरीर कैसा महसूस करता है हल्का, पौष्टिक, और ऊर्जावान. अगर कोई आटा आपके शरीर को सूट करता है, तो वही आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है. स्वाद, आदत और स्वास्थ्य तीनों के अनुसार निर्णय लेना ही सबसे अच्छा तरीका है.

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