भारत में कृषि सीजन एक बार फिर उम्मीदों से भरा दिखाई दे रहा है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ 2025-26 के पहले अग्रिम अनुमान जारी किए हैं, और इन आंकड़ों से साफ है कि इस वर्ष फसलों का प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है. कई राज्यों में अच्छी बारिश और संतुलित मौसम ने खेती को गति दी है, जिसके चलते कुल खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है. किसानों और कृषि उद्योग से जुड़े सभी क्षेत्रों के लिए यह खबर राहत लेकर आई है.
खरीफ खाद्यान्न उत्पादन
मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष देश का कुल खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 17.33 करोड़ टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्ष से लगभग 38.70 लाख टन अधिक है. अत्यधिक वर्षा से प्रभावित कुछ इलाकों के बावजूद ज्यादातर राज्यों में फसलें अच्छी स्थिति में रहीं. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अनुकूल मौसम और राज्यों से मिले शुरुआती आंकड़ों ने बेहतर उत्पादन की उम्मीदों को मजबूत किया है.
खरीफ के प्रमुख अनाज चावल और मक्का ने इस बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है. अनुमान के मुताबिक खरीफ चावल उत्पादन 1245.04 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्ष से 17.32 लाख टन अधिक है. वहीं मक्का उत्पादन 283.03 लाख टन रहने का अनुमान है, जिसमें 34.95 लाख टन की वृद्धि दर्ज की गई है. यह बढ़ोतरी बताती है कि किसानों ने इन फसलों में समझदारी से निवेश किया है और मौसम की परिस्थितियां भी इनके पक्ष में रहीं.
मोटा अनाज और दलहन
भारत में मोटा अनाज जैसे बाजरा, ज्वार और रागी की महत्ता लगातार बढ़ रही है. पहले अनुमान के अनुसार इस वर्ष कुल मोटा अनाज उत्पादन 414.14 लाख टन रहने की उम्मीद है, जो देश में पोषक अनाजों की मांग को पूरा करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
इसी तरह दलहन उत्पादन भी सकारात्मक संकेत दे रहा है. अनुमान के अनुसार कुल दलहन उत्पादन 74.13 लाख टन तक पहुंच सकता है. इसमें तूर, उड़द और मूंग जैसी मुख्य फसलों का योगदान है—
तूर (अरहर): 35.97 लाख टन
उड़द: 12.05 लाख टन
मूंग: 17.20 लाख टन
दलहन उत्पादन बढ़ने से देश में प्रोटीन की उपलब्धता बेहतर होगी और आयात पर निर्भरता भी कम हो सकती है.
तिलहन उत्पादन
खरीफ सीजन में तिलहनों का उत्पादन भी मजबूत बना हुआ है. अनुमान के अनुसार कुल तिलहन उत्पादन 275.63 लाख टन तक पहुंच सकता है. इसमें:
मूंगफली: 110.93 लाख टन (पिछले वर्ष से 6.81 लाख टन अधिक)
सोयाबीन: 142.66 लाख टन
तेल उत्पादन और प्रसंस्करण उद्योगों के लिए यह एक बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि बढ़ते उत्पादन से खाद्य तेलों की उपलब्धता में सुधार होगा.
गन्ना, कपास और जूट
औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण गन्ना, कपास और पटसन-मेस्ता की फसलें भी इस वर्ष बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं.
गन्ना उत्पादन: 4756.14 लाख टन (पिछले वर्ष से 210.03 लाख टन अधिक)
कपास उत्पादन: 292.15 लाख गांठें
जूट एवं मेस्ता: 83.45 लाख गांठें
इन फसलों की बढ़ोतरी से चीनी उद्योग, वस्त्र उद्योग और प्राकृतिक रेशा सेक्टर में नई ऊर्जा आएगी.
कैसे तय होते हैं ये अनुमान?
कृषि मंत्रालय इन अग्रिम अनुमानों को तैयार करने के लिए कई स्रोतों का उपयोग करता है. इसमें पिछले वर्षों के उत्पादन आंकड़े, राज्यों से प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्ट, खेतों का प्रत्यक्ष निरीक्षण और उपग्रह आधारित डेटा शामिल है. जैसे ही फसल कटाई प्रयोगों (Crop Cutting Experiments) के वास्तविक डेटा आएंगे, इन अनुमानों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे.